Delhi Election 2025: दिल्ली में आचार संहिता के तहत क्या बदल गया है? जानें महत्वपूर्ण बातें
Delhi Election 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। मंगलवार को चुनाव आयोग (Delhi Election 2025) ने तारीखों का ऐलान करते हुए 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को परिणाम घोषित किए जाने की घोषणा की। इसके साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू कर दी गई है। यह आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए लागू की जाती है।
आचार संहिता क्यों होती है लागू?
आचार संहिता लागू होने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव प्रक्रिया में कोई राजनीतिक दल या व्यक्ति अनुचित लाभ न उठा सके। यह राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए एक निर्धारित आचार नियमावली है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग संबंधित दल या व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है।
आचार संहिता के दौरान पाबंदियां
आचार संहिता लागू होते ही राज्य सरकार और राजनीतिक दलों पर कई तरह की पाबंदियां लग जाती हैं। ये पाबंदियां इस प्रकार हैं:
घोषणाओं पर रोक:
सरकार किसी भी नई योजना, परियोजना, शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन का ऐलान नहीं कर सकती।
धर्म और जाति पर राजनीति की मनाही:
कोई भी नेता धर्म, जाति या भाषा के आधार पर वोट मांगने की कोशिश नहीं कर सकता।
अनुमति के बिना रैली या जुलूस पर रोक:
किसी भी रैली, जुलूस या प्रचार अभियान के लिए पहले स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
मतदाता को प्रलोभन देना अपराध:
मतदाताओं को पैसे, शराब, या अन्य वस्तुओं के जरिए लुभाने पर सख्त पाबंदी है। मतदान के दिन शराब की दुकानें बंद रहेंगी।
प्रचार सामग्री पर नियंत्रण:
बिना अनुमति किसी की दीवार पर झंडे, पोस्टर, या बैनर नहीं लगाए जा सकते।
मतदान केंद्र के पास सख्ती:
मतदान केंद्रों के पास राजनीतिक दलों के शिविरों में भीड़ जमा होने और किसी भी प्रकार की प्रचार सामग्री रखने की मनाही है। यहां खाने-पीने की चीजें भी परोसने पर रोक है।
सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर रोक:
आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी कर्मचारी का तबादला नहीं किया जा सकता।
चुनाव आयोग की निगरानी
चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए आयोग पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है। ये पर्यवेक्षक सुनिश्चित करते हैं कि आचार संहिता का पालन हो।
दिल्ली चुनाव का विवरण
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को मतदान होगा। इस चुनाव में 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक, निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
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