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Rajasthan: 600 साल पुरानी छतरी तोड़ने पर उबाल, हवाई अड्डे का नामकरण महाराज के नाम पर करने की मांग

Maharaja Surajmal Heritage Demolition: कोटा उत्तर के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने बूंदी जिले के तुलसी गांव में 600 साल पुरानी महाराजा सूरजमल हाडा की ऐतिहासिक छतरी (Maharaja Surajmal Heritage Demolition) को कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) द्वारा...
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Maharaja Surajmal Heritage Demolition: कोटा उत्तर के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने बूंदी जिले के तुलसी गांव में 600 साल पुरानी महाराजा सूरजमल हाडा की ऐतिहासिक छतरी (Maharaja Surajmal Heritage Demolition) को कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) द्वारा तोड़े जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे न केवल राजपूत समाज बल्कि सर्व समाज की आस्था पर चोट बताया और इस मुद्दे पर गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है।

गुंजल बोले: आस्था के साथ खिलवाड़

प्रहलाद गुंजल तुलसी गांव पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली। उन्होंने कहा, "पूर्व महाराजा सूरजमल हाडा की छतरी केवल एक ऐतिहासिक धरोहर नहीं है, बल्कि सर्व समाज की आस्था का प्रतीक है। इसे तोड़ना लोगों की भावनाओं को आहत करने जैसा है।" उन्होंने कहा कि सर्व समाज जो भी फैसला करेगा, वे उसके साथ खड़े रहेंगे।

बिना चर्चा तोड़ी गई छतरी

गुंजल ने बताया कि यह छतरी किसी अतिक्रमण का हिस्सा नहीं थी, बल्कि 14 बिस्वा आवंटित जमीन पर बनी थी। केडीए ने बिना ग्रामीणों से चर्चा किए इसे ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल राजपूत समाज की नहीं, बल्कि पूरे सर्व समाज की भावनाओं का अपमान है। गुंजल ने कहा कि सरकार को इस तरह की कार्रवाई से पहले लोगों की आस्थाओं का सम्मान करना चाहिए।

टोंक में भी आक्रोश, ज्ञापन सौंपा गया

इस घटना पर टोंक के राजपूत समाज में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है। राजपूत समाज के लोगों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपकर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। समाज के लोगों ने कहा कि छतरी को दोबारा उसी स्थान पर पुनर्निर्मित किया जाए, साथ ही हवाई अड्डे का नाम भी महाराजा सूरजमल हाडा के नाम पर रखा जाए।

ऐतिहासिक धरोहर पर हमला: सर्व समाज में नाराजगी

राजपूत महासभा के पदाधिकारियों ने कहा कि महाराजा सूरजमल हाडा की छतरी केवल राजपूत समाज के लिए ही नहीं, बल्कि कई अन्य समाजों के लिए भी श्रद्धा का केंद्र है। इसे नष्ट करना दुर्भाग्यपूर्ण है और इस कार्रवाई से सर्व समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने मांग की कि छतरी को सम्मान के साथ पुनः स्थापित किया जाए और इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो।

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