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RBI MPC Meeting: रेपो रेट को लेकर कल हो सकता है बड़ा एलान, फरवरी 2023 से नहीं हुआ कोई बदलाव

RBI MPC Meeting: पिछले दो महीने से देशभर में चुनावी चर्चाओं का ही शोर था। लोकसभा चुनाव के चार जून को नतीजे आने के बाद अब नई सरकार के गठन को लेकर हलचल बढ़ी हुई है। इसी बीच बुधवार से...
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RBI MPC Meeting: पिछले दो महीने से देशभर में चुनावी चर्चाओं का ही शोर था। लोकसभा चुनाव के चार जून को नतीजे आने के बाद अब नई सरकार के गठन को लेकर हलचल बढ़ी हुई है। इसी बीच बुधवार से आरबीआई की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक शुरू हुई है। आरबीआई MPC की इस तीन दिवसीय बैठक (RBI MPC Meeting) कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। जिसका एलान RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार (7 जून) को सुबह 10 बजे करेंगे। इस बैठक के बाद सभी की निगाहें रेपो रेट पर रहेगी। इसमें आरबीआई क्या बदलाव करती है ये देखने वाली बात होगी।

फरवरी 2023 से नहीं हुआ कोई बदलाव:

आरबीआई की इस अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए जाएंगे। इसमें सबसे अहम रेपो रेट को लेकर निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल रेपो रेट 6.5 फीसदी की दर से चल रही है। माना जा रहा है कि इस बार भी आरबीआई रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगी। पिछले साल फरवरी में आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव हुआ था। उसके बाद से लगातार सात बार रेपो रेट स्थिर बनी हुई है। अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी हुई तो लोन की EMI भी ज्यादा चुकानी पड़ेगी। लेकिन फिलहाल ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है।

मुद्रास्फीति कम करने की नीति जारी रहेगी: आरबीआई

बता दें पिछले कुछ समय से देशभर में महंगाई का ग्राफ भी काफी ऊपर गया है। ऐसे में कहीं ना कहीं देश की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति कम करने की नीति जारी रखेगा ताकि आर्थिक विकास में स्थिरता बनी रहे। रोज़मर्रा की वस्तुओं की महंगाई दर ज्यादा होने मुद्रास्फीति बढ़ने का काफी दबाव बना हुआ है। अब देखना होगा कि आरबीआई की इस बैठक से आम जनता को कुछ राहत मिलती है या नहीं..?

जानिए क्या हैं रेपो रेट..?

सबसे पहले यह जानना बेहद जरुरी हैं कि आखिर रेपो रेट है क्या..? तो आपको हम बताते हैं रेपो रेट के बारे में और कैसे यह आपके होम लोन की EMI को प्रभावित करती है। बैंकों को रिज़र्व बैंक अल्पावधि उधार देता है। इस उधार राशि से बैंक तरलता की अपनी तात्कालिक जरूरतें पूरी कर सकें। इसका सीधा असर बैंकों द्वारा किसी कंपनी या आम ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है। ऐसे में अगर RBI रेपो रेट में वृद्धि करती है इससे लोन की ब्याज दरें भी बढ़ जाती है।

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