दलित सस्ती, ब्राह्मण महंगी! इंसानियत को शर्मसार करने वाली साजिश, "पीड़िता ने सुनाई रूह कंपा देने वाली दास्तान"
Ajmer Crime News: राजस्थान के अजमेर संभाग के बिजयनगर थाना क्षेत्र में घटी यह घटना इंसानियत को झकझोर देने वाली है। स्कूल में पढ़ने वाली मासूम बच्चियों के सपनों को बेरहमी से कुचला गया, उनकी मासूमियत को शिकार बनाया गया। भरोसे की आड़ में उनके साथ जो छल हुआ, वह समाज के सामने एक भयावह सच्चाई को उजागर करता है।
शिकार बनीं वे बेटियां, जिनकी आंखों में भविष्य के सुनहरे सपने थे (Ajmer Crime News), लेकिन हैवानियत की साजिश ने उनकी दुनिया को अंधेरे में धकेल दिया। ब्लैकमेलिंग, शारीरिक शोषण और धर्म परिवर्तन के दबाव का यह खौफनाक खेल अब उजागर हो चुका है।
जब साजिश का घिनौना सच सामने आया
इस ब्लैकमेल कांड के आरोपी सोहेल हुसैन और मोहम्मद लुकमान ने आखिरकार अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि उन्होंने छात्राओं को फंसाने के लिए पहले उन्हें मोबाइल फोन दिए, फिर बहलाने-फुसलाने और ब्लैकमेल करने का घिनौना खेल खेला।
ब्यावर जिले में इस शर्मनाक कांड के सिलसिले में अब तक 5 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि कुछ नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है। मंगलवार को कोर्ट ने 5 आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया है, जिससे इस साजिश की और गहरी परतें खुल सकती हैं।
इस घटना ने पूरे राजस्थान को हिला कर रख दिया है। अब सवाल यह है कि ऐसी साजिशें कब तक चलती रहेंगी? मासूम बच्चियों की जिंदगी से कब तक खिलवाड़ होता रहेगा? अपराधियों को सख्त सजा दिलाने के लिए समाज को एकजुट होना होगा, ताकि कोई और बेटी इस दहशत का शिकार न बने।
जाल में फंसाने के लिए अपनाए नए-नए तरीके
पुलिस के अनुसार, आरोपी करीम ने सबसे पहले स्कूली छात्राओं से संपर्क किया और उन्हें अपने जाल में फंसाने की शुरुआत की। इसके बाद सोहेल और लुकमान ने इन मासूम बच्चियों को अपने कब्जे में लेने की साजिश रची। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि छात्राओं को फंसाने के लिए उन्होंने कई अलग-अलग तरीके अपनाए।
पीड़ित छात्रा के मामा का खुलासा
एक पीड़ित छात्रा के मामा ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि जब उनकी भांजी स्कूल जाती थी, तो आरोपी लड़के उसे लगातार परेशान करते थे। रास्ते में पर्ची में नंबर लिखकर फेंक देते और जब लड़की ने ध्यान नहीं दिया, तो धमकाने लगे। इसके बाद उसे एक छोटा मोबाइल फोन दिया गया, जिससे आरोपी लड़के बात करने लगे। नई-नई गाड़ियां दिखाकर लड़की का माइंडवॉश करने की कोशिश की गई और उसे धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जाने लगा।
हर दिन नई गाड़ियां लाकर करते थे...
शारीरिक शोषण और ब्लैकमेलिंग का शिकार हुई एक पीड़िता ने बताया कि आरोपी लड़के हर दिन नई-नई गाड़ियां लेकर आते थे। कभी कार, कभी बुलेट...अलग-अलग गाड़ियों का इस्तेमाल कर लड़कियों को प्रभावित करने की कोशिश की जाती थी।
छात्रा ने बताया, "उन्होंने एक बार कहा था कि ब्राह्मण लड़की को बेचेंगे तो 20 लाख मिलेंगे और दलित लड़की को 10 लाख में बेचेंगे।" इस खुलासे ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
कैसे हुई दोस्ती...कैसे शुरू हुआ ब्लैकमेल कांड?
पीड़िता ने बताया कि सोहेल मंसूरी नाम का लड़का हमारे स्कूल से घर तक पीछा करता था। करीब 15 दिनों तक ऐसा करने के बाद, वह रास्ते में नंबर लिखकर चिट्ठियां फेंकता था। एक दिन लड़की ने उसे कॉल कर लिया, और फिर वह मिलने के लिए एक कैफे गई, जहां उसके साथ गलत हुआ।
कैफे में सोहेल के दोस्त भी मौजूद थे। वहां उसकी तस्वीरें खींची गईं और फिर उसे ब्लैकमेल किया जाने लगा। आरोपी उसे धमकाने लगे कि अगर उसने किसी को बताया तो उसकी तस्वीरें वायरल कर दी जाएंगी।
ब्लैकमेलिंग का खेल...पीड़िता की मजबूरी
इसके बाद सोहेल ने लड़की को एक छोटा मोबाइल फोन दिया, जिससे उसकी बातचीत होने लगी। धीरे-धीरे उसे अपने दोस्तों रियान, जावेद, अमन से भी बात करने के लिए मजबूर किया गया।
पीड़िता ने खुलासा किया, "रियान मंसूरी और हकीम कुरैशी इस पूरे रैकेट के मास्टरमाइंड थे। हकीम कहता था कि मैं भगाने में मदद करूंगा।" बातचीत के दौरान आरोपी लड़की को बार-बार धमकाते रहे और कभी-कभी उसे कुछ पिलाकर बेहोश कर देते।
धर्म परिवर्तन का दबाव... शारीरिक शोषण
धीरे-धीरे लड़की पर दबाव बनाया जाने लगा कि वह बुरका पहने, मस्जिद जाए और पांच वक्त की नमाज पढ़े। उसे रोजा रखने के लिए भी मजबूर किया गया। जब उसने मना किया, तो आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की और ब्लेड से उसके हाथ पर चीरा लगा दिया।
पीड़िता ने यह भी बताया कि उसके मामा को जान से मारने की धमकी दी गई थी, जिससे वह और भी डर गई और मजबूरी में उनकी बातें मानने लगी।
पूरे गिरोह का पर्दाफाश..
इस पूरे मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि कुछ नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। मंगलवार को कोर्ट ने 5 आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया, जिससे इस घिनौने अपराध की और गहरी साजिश सामने आने की उम्मीद है।
क्या यह समाज जागेगा? क्या बेटियों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे? यह समय सिर्फ सवाल उठाने का नहीं, बल्कि जवाब देने का भी है!
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