राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बालोतरा में दलित युवक की हत्या को राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का प्रतीक बताते हुए इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पीड़ित पक्ष को धरना-प्रदर्शन करना पड़ा, जो राज्य सरकार की विफलता को दर्शाता है। गहलोत ने दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता जताते हुए सरकार से मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की।
भजनलाल सरकार पर आरोप
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी बालोतरा में हुई हत्या की घोर निंदा की और भाजपा सरकार पर कानून-व्यवस्था को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार इवेंटबाजी में लगी हुई है, जबकि दलितों के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हो रही है। डोटासरा ने आरोपियों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और नौकरी देने की मांग की।
टीकाराम जूली ने की कार्रवाई की मांग
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी हत्या की निंदा करते हुए इस मामले में ठोस कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह घटना प्रदेश में कानून व्यवस्था के कमजोर होने का संकेत है और भाजपा सरकार को ठोस कदम उठाकर अपराधियों को कड़ी सजा देनी चाहिए।
10 दिसंबर को हुई थी युवक की हत्या
बालोतरा के नेहरू कॉलोनी में 10 दिसंबर को 22 वर्षीय विशनाराम मेघवाल का हर्षदान चारण से विवाद हुआ, जिसके बाद हर्षदान ने चाकू से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल विशनाराम की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। इस घटना के बाद मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने आरोपी की गिरफ्तारी और न्याय की मांग को लेकर अस्पताल के शवगृह के बाहर धरना शुरू कर दिया।
आरोपी की तलाश में पुलिस की आठ टीमें
पुलिस द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी के लिए आठ टीमें गठित की गई हैं, जिसमें साइबर सेल और डीएसटी को भी शामिल किया गया है। पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं, और पुलिस ने आरोपित की गिरफ्तारी के लिए सभी प्रयास तेज कर दिए हैं।
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