चीन में भीनमाल के मोबाइल व्यापारी की हत्या!, किडनैपर ने पिता को कॉल कर मांगे थे 1 करोड़ रुपए
Bhinmal Businessman Murdered in China जालोर: जालोर के भीनमाल में रहने वाले एक युवक का चीन में अपहरण और मर्डर का गंभीर मामला सामने आया है। अपहरणकर्ताओं ने परिवार से 1 करोड़ की फिरौती मांगी थी। रुपए नहीं मिलने पर किडनैपर्स ने युवक को चार मंजिला इमारत से नीचे फेंक कर उसकी हत्या कर दी। अब युवक के परिजनों ने युवक के बिजनेस पार्टनर पर किडनैपिंग और मर्डर का शक जताया है। परेशानी यह है कि वीजा नहीं मिलने के कारण अब परिवार बेटे की डेडबॉडी नहीं ला पा रहा है।
21 जून को युवक का अपहरण
जानकारी के अनुसार भीनमाल में रहने वाला सतीश पुत्र नरसाराम माली बीपीएल परिवार से था। परिजनों का कहना है कि इसी 21 जून को सतीश का चीन में कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया और परिवार से वॉट्सऐप कॉल के जरिए 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। पैसे मुंबई में हवाला के जरिए एक व्यापारी को देने के लिए कहा गया था।
परिवार वाले पैसों की व्यवस्था नहीं कर पाए तो आरोपियों ने चार मंजिला इमारत से नीचे फेंक कर सतीश की हत्या कर दी। हत्या के बाद सतीश के परिवार वाले बॉडी लाने के लिए वीजा मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इधर जालोर सांसद लुंबाराम ने परिवार को वीजा दिलाने और शव को इंडिया लाने के लिए केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा है।
भाई-बहन में सबसे छोटा था सतीश
भीनमाल में भागल भीम रोड पर रहने वाले नरसाराम माली की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। करीब 20 साल पहले बीमारी से नरसाराम माली की पत्नी की मौत हो गई थी। उसने अकेले तीन बेटों और एक बेटी की परवरिश की। सतीश कुमार (24) उनका सबसे छोटा बेटा था। उसके बड़े भाई भरत और हितेश भीनमाल में ही प्राइवेट नौकरी करते हैं।
चीन से मोबाइल पार्ट्स लाकर इंडिया में बेचता था
नरसाराम ने कहा कि सतीश पहले मुंबई में काम करता था। वहां उसके किसी दोस्त ने बताया कि चीन से मोबाइल के पार्ट्स लाकर इंडिया में बेचने पर काफी मुनाफा होता है। इस पर सतीश भी 2 साल पहले चीन के गुआंगजो शहर गया था। वहां से उसने हर महीने कम से कम एक बार मोबाइल के पार्ट्स भारत लाकर बेचना शुरू कर दिया। इस दौरान वह 15 से 20 दिन चीन में रुकता भी था।
झगड़े के बाद नया बिजनेस पार्टनर बनाया था
सतीश के चाचा मोहनलाल ने कहा, "चीन में सतीश का मोबाइल पार्ट्स का बिजनेस काफी अच्छा चल रहा था। पहले वह चीन के गुआंगजो शहर में वाइजन नाम के व्यापारी के साथ बिजनेस कर रहा था। वाइजन ने ही बिजनेस के लिए उसे इंडिया से चीन बुलाया था। कुछ समय पहले उसने वाइजन के साथ काम छोड़कर केविन नाम के व्यक्ति के साथ काम करना शुरू किया। कुछ समय बाद नए बिजनेस पार्टनर केविन से सतीश का विवाद हो गया। सतीश के परिजनों को संदेह है कि उसकी हत्या के पीछे नए बिजनेस पार्टनर का ही हाथ है। केविन ने पैसों के लालच में सतीश को किडनैप करवाया उसकी हत्या करवा दी।"
21 जून की रात आया था फिरौती के लिए फोन
वहीं, सतीश के चाचा मोहनलाल के अनुसार 21 जून को रात करीब 11 बजे सतीश के फोन से किडनैपर्स ने उसके सूरत में रहने वाले दोस्त कल्पेश कुमार प्रजापत को व्हाट्सऐप कॉल किया। व्हाट्सऐप कॉल पर अपहरणकर्ताओं ने कल्पेश को कहा कि उन्होंने सतीश को किडनैप कर लिया है। अगर उसे जिंदा देखना चाहते हैं तो 1 करोड़ रुपए देने होंगे। इस पर कल्पेश ने सतीश के भाई हितेश को फोन करके बताया कि चीन में सतीश का अपहरण हो गया है और किडनैपर्स ने 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांग रहे हैं।
भाई से बोला सतीश- ये लोग मुझे मार देंगे
अपहरण का पता चलने पर हितेश ने सुबह 11:15 बजे के करीब सतीश के मोबाइल पर फोन किया। किडनैपर ने उसकी बात सतीश से करवाई। सतीश ने बताया कि- "मुझे इन लोगों ने यहां किडनैप कर लिया है। मुझे पता नहीं है कि मैं कहां हूं। इन लोगों ने मेरे हाथ-पैर बांध रखे हैं और मेरे साथ मारपीट कर रहे हैं। मुझे धमका रहे हैं कि तुम्हारे घरवालों ने 1 करोड़ नहीं दिए तो तुम्हें मार देंगे।' सतीश से बात होने के बाद उसके पिता ने किडनैपर्स को 22 जून को दोपहर 2 बजे तक पैसों की व्यवस्था होने की बात कही।
समय मांगने पर जान से मारने की धमकी
22 जून तक सतीश के पिता नरसाराम पैसों की व्यवस्था नहीं कर पाए। किडनैपर्स ने सतीश के फोन से नरसाराम को 22 जून को फिर फोन किया। सतीश के पिता ने बताया कि 1 करोड़ रुपए की व्यवस्था करने में थोड़ा समय लगेगा। इस पर किडनैपर्स ने कहा कि पैसों की व्यवस्था जल्दी नहीं की तो सतीश को जान से मार देंगे।
किडनैपर ने हवाला के जरिए मुंबई में पैसे जमा कराने के लिए कहा
24 जून को किडनैपर ने सतीश के भाई को कहा, "सतीश को अगवा करने वालों ने कहा कि सतीश को जिंदा देखना चाहते हो तो हवाला के जरिए पैसे देने होंगे। किडनैपर ने बताया कि मुंबई में पारस चौधरी नाम का व्यापारी है। जिसकी वीजे गोल्ड बंशी पावर चामुण्डा मोबाइल नाम से फर्म है, पैसे उसे देने हैं। इस पर पिता ने रिश्तेदार को पैसे लेकर मुंबई भेज दिया। रिश्तेदार ने पारस चौधरी को 50 से 60 लाख रुपए लेकर सतीश को छोड़ने की बात कही। पारस चौधरी ने कहा- पैसे पूरे देंगे होंगे नहीं तो वो लोग सतीश को मार देंगे। मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता हूं।"
भारतीय दूतावास से मदद मांगी तो सतीश की मौत का पता चला
सतीश के परिवार वाले 1 करोड़ रुपए का इंतजाम नहीं कर पाए तो उसके भाई हितेश ने 23 जून को भारतीय दूतावास में ईमेल करके अपने भाई की किडनैपिंग के बारे में बताया। इसके बाद 26 जून को भारतीय दूतावास से फोन करके हितेश को बताया गया कि उसके भाई सतीश की चीन के गुआंगजो शहर में चार मंजिला इमारत से नीचे गिरने से मौत हो गई। सतीश की मौत की खबर सुनकर पूरा परिवार सदमे में है।
चीन से बॉडी लाने के लिए नहीं मिल रहा वीजा
वहीं, मोहनलाल ने कहा कि सतीश की हत्या चीन के गुआंगजो शहर में हुई। सतीश का शव लाने के लिए उसका भाई भरत और रिश्तेदार दिल्ली गए हैं। मोहनलाल ने कहा कि 24 जून से दूतावास से फोन आने पर उन्हें पता लगा कि चीन के गुआंगजो में एक भारतीय व्यक्ति की बॉडी मिली है। बॉडी सतीश की है या किसी ओर की, ये चीन जाकर शिनाख्त करने के बाद ही पता चलेगा। उन्हें चीन का वीजा नहीं मिल रहा है।
वीजा नहीं मिलने के कारण वे सतीश का पार्थिव शव (bhinmal businessman murdered in china) भारत नहीं ला पा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि सतीश के भाई को जल्द से जल्द वीजा दिलाया जाए। सतीश के परिवार ने किडनैपर और उनके साथ मिले मुंबई के हवाला व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।
सांसद ने विदेश मंत्रालय को लिखा पत्र
जालोर सांसद लुम्बाराम चौधरी ने 26 जून को केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर सतीश का शव जल्द भारत मंगवाने के लिए पत्र लिखा है। चीन के दूतावास से सम्पर्क करके सतीश का शव जल्दी भारत लाने और परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है। साथ ही सतीश की हत्या मामले में भी जांच कर कार्रवाई करवाने के लिए लिखा है।
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