भरोसा बना मौत का सौदा! जयपुर में नौकरों ने चाकू मारकर मालकिन को लहूलुहान किया, लूट ले गए करोड़ों
Jaipur Crime News: राजधानी जयपुर में अपराध का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां भरोसेमंद समझे जाने वाले नौकर ही गद्दार बन गए। विद्याधरनगर के अंबाबाड़ी इलाके में एक हार्डवेयर-सेनेटरी बिजनेसमैन की पत्नी को उनके ही नौकरों ने बंधक बना लिया और घर में रखे 1.50 करोड़ रुपए के गहने लूट लिए।(Jaipur Crime News) जब महिला ने इसका विरोध किया, तो बेरहम बदमाशों ने उन पर चाकू से हमला कर दिया। वारदात को अंजाम देकर दो नौकर और उनका एक साथी फरार हो गए। यह खौफनाक घटना सोमवार शाम करीब 7:30 बजे की है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। अब सवाल उठता है ...क्या घर में काम करने वाले लोग सच में भरोसेमंद हैं, या खतरा हमारे ही बीच छुपा है?
शाम की पूजा करते समय महिला को बनाया बंधक
एडीसीपी (नॉर्थ) बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि जयपुर के अंबाबाड़ी इलाके में रहने वाले देवेन्द्र अग्रवाल (50) की न्यू आतिश मार्केट (मानसरोवर) में हार्डवेयर-सेनेटरी की दुकान है। सोमवार को देवेंद्र किसी काम से सीकर गए थे, जबकि बेटा शैलेस (25) दुकान पर था। घर में देवेंद्र की पत्नी ज्योति (48) अकेली थीं और शाम को मंदिर में पूजा कर रही थीं। इसी दौरान नौकर इंद्रजीत और उसके दो साथियों ने ज्योति को तौलिए से मुंह दबाकर बंधक बना लिया और हाथ-पैर बांध दिए।
चाकू से हमला कर लूटे करोड़ों के गहने
बदमाशों ने ज्योति को जमीन पर गिरा दिया। इंद्रजीत और अशोक ने उन्हें धमकाया, जबकि तीसरे साथी राधे ने तिजोरी का लॉक तोड़कर गहने निकाल लिए। जब ज्योति ने विरोध किया, तो बदमाशों ने उनके हाथ पर चाकू मार दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए। कुछ देर बाद ज्योति की चीख-पुकार सुनकर पड़ोस में रहने वाले उनके देवर घर पहुंचे और उन्हें बंधन से मुक्त किया।
बिना पुलिस वैरिफिकेशन रखा था नौकर
एडीसीपी शेखावत के अनुसार, परिवार ने डेढ़ महीने पहले इंद्रजीत को बिना पुलिस वैरिफिकेशन के नौकर रखा था। वह मधुबनी (बिहार) का रहने वाला था और उसने इस दौरान घर की रेकी कर ली थी। वारदात से एक दिन पहले इंद्रजीत ने अशोक नामक एक और व्यक्ति को नौकर रखवाया, जो लंगड़ाकर चलता है। दोनों ने अपने तीसरे साथी राधे को वारदात के दौरान घर में बुला लिया। उन्होंने सिर्फ तिजोरी से गहने निकाले और बाकी किसी चीज को हाथ नहीं लगाया, जिससे साफ है कि यह एक योजनाबद्ध लूट थी।
15 मिनट में वारदात कर फरार हुए बदमाश
बदमाशों ने महज 15 मिनट में वारदात को अंजाम दिया और सीकर रोड पर खड़े एक ऑटोरिक्शा में बैठकर फरार हो गए। पुलिस ने इंद्रजीत का मोबाइल ट्रेस किया, जिसकी आखिरी लोकेशन कानोता (जयपुर) के पास मिली। इसके बाद उसने मोबाइल बंद कर दिया। पुलिस जांच में सामने आया कि वारदात के दौरान तीसरा आरोपी राधे पैदल ही घर तक आया था।
सोची-समझी साजिश के तहत दीवारदात को अंजाम
SHO (विद्याधर नगर) राकेश ख्यालिया ने बताया कि यह लूट पूरी तरह से प्लानिंग के तहत की गई थी। 23 जनवरी को इंद्रजीत घरेलू नौकर के रूप में काम पर लगा था और उसने डेढ़ महीने में पूरे घर की जानकारी इकट्ठा कर ली। वारदात से दो दिन पहले 28 फरवरी को इंद्रजीत ने मालिक को बताया कि गांव में किसी की मौत हो गई है और उसे जाना पड़ेगा। उसने अशोक को नया नौकर बनवाकर खुद को गांव जाने की बात कहकर वारदात को अंजाम दिया।
ऑटोरिक्शा में बैठकर भागे आरोपी
जांच में सामने आया कि इंद्रजीत और राधे पिछले दो दिनों से घर के आसपास रेकी कर रहे थे। सोमवार की शाम जब ज्योति पूजा कर रही थीं, तब अशोक के इशारे पर इंद्रजीत और राधे घर में दाखिल हो गए। उन्होंने ज्योति का मुंह तौलिए से बंद कर दिया और हाथ-पैर बांधकर जमीन पर गिरा दिया। करीब 20 मिनट में पूरी वारदात को अंजाम देकर बदमाश ऑटोरिक्शा में बैठकर फरार हो गए। पुलिस अब वारदात में इस्तेमाल ऑटोरिक्शा और उसके ड्राइवर की भूमिका की भी जांच कर रही है।
CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस
एडीसीपी शेखावत ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही विद्याधर नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने ज्योति का प्राथमिक उपचार करवाया और आरोपियों की तलाश शुरू की। वारदात के सुराग जुटाने के लिए एफएसएल टीम को बुलाया गया और इलाके में लगे CCTV फुटेज को खंगालने का काम जारी है।
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