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सीकर ऑनर ​​किलिंग केस में मौत की सजा! बेटी को प्रेमी से बात करते पकड़ने पर युवक की हत्‍या कर शव फेंका

Honour killing case Rajasthan: राजस्थान के सीकर जिले में एक ऑनर किलिंग के मामले में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाते हुए बेटी और उसके प्रेमी की हत्या करने वाले पिता को फांसी की सजा सुनाई है। (Honour killing case Rajasthan)इस...
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Honour killing case Rajasthan: राजस्थान के सीकर जिले में एक ऑनर किलिंग के मामले में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाते हुए बेटी और उसके प्रेमी की हत्या करने वाले पिता को फांसी की सजा सुनाई है। (Honour killing case Rajasthan)इस जघन्य अपराध में शामिल चाचा, मामा सहित 10 अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा दी गई है, जबकि तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया।

यह फैसला सीकर के अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 1 (एडीजे कोर्ट-1) ने शनिवार को सुनाया। यह मामला 2019 का है, जब एक पिता ने अपनी बेटी के प्रेम संबंध को परिवार की "इज्जत" का मामला बनाते हुए सहयोगियों के साथ मिलकर उसकी और उसके प्रेमी की हत्या कर दी थी। अदालत के इस कड़े निर्णय को समाज में ऑनर किलिंग जैसे अपराधों पर सख्त संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है।

कैसे हुआ जघन्य अपराध का खुलासा?

सीकर जिले के आलोदा गांव में 20 अक्टूबर 2019 की रात 19 वर्षीय प्रेम और करड़ निवासी गणपतलाल (38) का प्रेम प्रसंग चल रहा था। रात को युवती अपने प्रेमी से फोन पर बात कर रही थी, तभी उसके पिता रामगोपाल को इस बात का पता चला। गुस्साए पिता ने रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर बेटी और उसके प्रेमी की हत्या कर दी।

शवों को पहाड़ियों में फेंका

हत्या के बाद रामगोपाल ने दोनों शवों को जीणमाता की पहाड़ियों में फेंक दिया। इसके बाद उसने खाटूश्यामजी थाने में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने जांच में पिता की साजिश का पर्दाफाश कर दिया।

कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा

सीकर की एडीजे कोर्ट-1 ने शनिवार को मामले की सुनवाई करते हुए पिता रामगोपाल को फांसी की सजा और 10 अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

उम्रकैद पाने वाले आरोपी 

चाचा महादेव, मामा परसराम चोपड़ा, चचेरा भाई महेंद्र चौधरी उर्फ महेंद्र मील, नंदलाल नंदकार, बीरबल, सोहनलाल, मदनलाल चांदीवाल, संदीप गुर्जर, बाबूलाल उर्फ हरनेक सिंह और राजेश चौधरी।
तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया।

कोर्ट की टिप्पणी: ‘राक्षसी प्रवृत्ति का कृत्य’

अदालत ने फैसले में कहा कि पिता ने झूठे सम्मान के लिए 19 साल की निर्दोष बेटी और उसके प्रेमी की निर्ममता से हत्या की। यह कृत्य अत्यंत क्रूर और राक्षसी प्रवृत्ति का था, जो समाज की चेतना को झकझोर देता है।

कैसे अंजाम दिया गया अपराध?

पिटाई और अपहरण: 21 अक्टूबर की रात रामगोपाल ने बेटी को बुलाने के बहाने प्रेमी गणपतलाल को फंसाया। गणपतलाल को पेट्रोल पंप पर बुलाया गया और परिजनों ने उसका अपहरण कर लिया।

बेरहमी से मारपीट: घर ले जाकर दोनों को बुरी तरह पीटा गया, जिससे उनकी मौत हो गई।

शव फेंकने की साजिश: गाड़ी में शव डालकर जीणमाता-मांडोली की पहाड़ियों में फेंक दिया गया।

जांच में खुलासा

23 अक्टूबर को गणपतलाल के भाई ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और 69 गवाहों की मदद से केस सुलझाया। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 270 आर्टिकल पेश किए।

फैसले के मायने

इस कड़े फैसले ने ऑनर किलिंग जैसे अपराधों पर सख्त संदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि झूठे सम्मान के नाम पर इस तरह की निर्मम हत्याएं बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं।

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