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Tonk: कौन जिम्मेदार? टोंक में एक्सपायरी दवा से बच्चों की तबीयत बिगड़ी, सच्चाई जानकर रह जाएंगे दंग!

Tonk News: (कमलेश कुमार महावर)। राजस्थान के कोटपूतली में बोरवेल में गिरी मासूम को बचाने के लिए पिछले 6 दिन से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर टोंक जिले के चिकित्सा विभाग की टीकाकरण के दौरान बड़ी...
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Tonk News: (कमलेश कुमार महावर)। राजस्थान के कोटपूतली में बोरवेल में गिरी मासूम को बचाने के लिए पिछले 6 दिन से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर टोंक जिले के चिकित्सा विभाग की टीकाकरण के दौरान बड़ी लापरवाही देखने को मिली है... जहां पर बच्चों को एक्सपायरी डेट की दवा पिला दी गई...इससे बच्चों की तबीयत बिगड़ गई... बच्चों की तबीयत बिगड़ने से (Tonk News)घबराए परिजन जब उन्हें लेकर निजी क्लीनिक पहुंचे तब पता चला कि टीकाकरण के दौरान जो दवा पिलाई गई, उसके साइड इफेक्ट से यह तबियत बिगड़ी

दरअसल यह पूरा वाक्या टोंक जिले के पीपलू उपखंड के रानोली स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का है जहां एक से 3 माह उम्र के 7 बच्चों को टीकाकरण के बाद बुखार की अवधिपार (एक्सपायरी) दवा दे दी गई। दवा लेने के बाद सातों बच्चों की तबीयत खराब होने पर परिजन बच्चों को निजी क्लिनिक ले गए जहां उनका उपचार कराया गया। चिकित्सा महकमा की ओर से नवजात बच्चों के स्वास्थ्य के साथ किए गए इस खिलवाड़ से हर कोई हैरान है गनीमत रही समय रहते बच्चों को दी गई ड्रॉप के एक्सपायरी होने का पता चल गया वरना बड़ा हादसा हो सकता है

गोली खत्म होने पर दे दी सूखी ड्राप

पीएचसी पर काफी संख्या में परिजन 20 नवजात को लेकर टीकाकरण कराने आए थे। बताया जाता है कि शुरू के 13 बच्चों को टीकाकरण के बाद बुखार नहीं आने के लिए वहां कार्यरत एएनएम राधा और कोमल ने परिजनों को गोली दी गई थी। इसके बाद 7 बच्चों का टीकाकरण किया गया, गोली खत्म होने के कारण एएनएम ने उन्हें ड्राप दे दी। टीकाकरण कराने आए परिजनों का कहना था कि शीशी में दवा सूख गई थी। उसके बाद भी बच्चों को दवा दे दी गई। दवा लेने के बाद बच्चे विचलित होने लगे। उनमें से एकाध बच्चे तो बाद में अचेत हो गए, कोई रोने लगा।

छह माह पहले ही खत्म हो चुकी थी दवा

गांव के जगदीश मिश्रा ने बताया कि उनके डेढ़ महीने के बेटे माधव को रानोली पीएससी पर प्रथम टीकाकरण के लिए लेकर गए थे... टीकाकरण कर रही एएनएम ने टीका लगाने के बाद बुखार के लिए दवा दी थी। घर आकर बच्चे को दवा दे दी। दवा देने के बाद बच्चा जोर-जोर से रोने लगा। दवाई को देखने पर दवा सूखी हुई नजर आई। दवा पर एक्सपायरी डेट जुलाई 2024 अंकित मिली। तबीयत बिगड़ने पर बच्चे को निजी अस्पताल ले गए। जहां उपचार के बाद बच्चे स्वस्थ है।

दो साल से चिकित्सक का पद रिक्त

ग्रामीणों ने बताया कि रानोली प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर करीब दो साल से चिकित्सक का पद रिक्त है। यहां तैनात कम्पाउंडर को ही प्रभारी की जिम्मेदारी दी हुई है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि टीकाकरण का दिन निश्चित होने के बाद भी स्टाफ आगे-पीछे के दिन टालकर टीकाकरण कर रहे हैं। इस बार भी गुरुवार की जगह शुक्रवार को टीकाकरण किया गया। इससे पिछले सप्ताह भी टीकाकरण नहीं किया गया।

गलती से दे दीं एक्सपायरी दवा

राणोली पीएससी इंचार्ज कम्पाउन्डर ने अशोक कुमार जांगिड़ ने बताया कि एक्सपायरी डेट की दवा डिस्पोजल (नष्ट करने) के लिए रखी थी। गलती से बच्चों को दी गई है। अब से ऐसी गलती नहीं होगीl वही आशा सहयोगिनी का मैना सोनी ने बताया टीकाकरण के बाद बुखार की जो दवा दी गई। उसके एक्सपायरी होने का पता चलने पर बारिश में भीगते हुए बच्चों के घर जाकर उनके परिजनों को बच्चों को यह दवा नहीं देने का जानकारी दी गई, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो

सीएमएचओ टोंक डॉ. अशोक कुमार यादव ने कहा कि नवजात बच्चों को अवधिपार दवा देना लापरवाही है, ब्लॉक सीएमएचओ को जांच के लिए भेजकर जांच कराएंगे। इसके लिए टोंक ब्लॉक सीएमएचओ को रानोली भेजकर रिपोर्ट लेंगे। दोषी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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