15 वर्षीय नाबालिग के साथ 3 साल तक हैवानियत, पेट दर्द हुआ तो गर्भवती निकली....कैसे पुलिस ने दबोचा आरोपी?
Tonk Pocso Court: राजस्थान के टोंक जिले में पॉक्सो कोर्ट ने एक नाबालिग बच्ची को डरा-धमकाकर कई बार दुष्कर्म करने के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जहां कोर्ट ने आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. विशिष्ठ न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट मधुसूदन शर्मा ने दोषी युवक सीताराम गुर्जर को कारावास के साथ ही 2 लाख 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं इस मामले में नाबालिग पीड़िता की बेटी के ब्लड सैंपल लेने वाले चिकित्सक और एफएसएल अधिकारी की भूमिका को भी कोर्ट (Tonk Pocso Court) ने संदिग्ध मानते दोनों अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए उनके संबंधित विभागों को 3 महीने के भीतर कार्यवाही कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.
दरअसल आरोपी की ज़्यादती सहते-सहते बालिका के पेट दर्द होने और रिपोर्ट करवाने के बाद उसके 5 महीने का गर्भ होने के बाद यह पूरा मामला नवम्बर 2022 में उजागर हुआ था जहां 9 नवम्बर 2022 को 15 वर्षीय नाबालिग पीड़िता ने अपने पिता के साथ दत्तवास थाना पहुंचकर अपनी तहरीरी रिपोर्ट पेश की थी. नाबालिग ने शिकायत में 28 वर्षीय सीताराम गुर्जर पर आरोप लगाया गया था कि उसने 2-3 साल बहला-फुसलाकर दुष्कर्म किया और विरोध करने पर आरोपी ने पीड़िता व उसके परिवार वालों को मारने की धमकी दी.
#Tonk: 15 वर्षीय नाबालिग को डरा धमकाकर 3 साल तक दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल का कारावास
- पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानकर सुनाई 20 साल के कठोर कारावास की सजा
- जघन्य अपराध देखते हुए कोर्ट ने आरोपी पर 2 लाख 5 हजार रुपए का लगाया जुर्माना
- बालिका के पेटदर्द व जांच रिपोर्ट… pic.twitter.com/g2guVwneu2
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) August 9, 2024
पेटदर्द होने पर परिजनों को बताई आपबीती
वहीं पीड़िता ने रिपोर्ट में बताया कि जब भी वह किसी काम से बाहर जाती तो सीताराम डरा-धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म करता था. बालिका का पेट दर्द होने के बाद उसने अपनी आपबीती अपने परिजनों को बताई जिसके बाद बालिका की मेडिकल जांच में पता चला की वह 5 माह के गर्भ से है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद 17 अप्रैल 2023 को कोर्ट (Tonk Pocso Court) में चालान पेश किया था जिसमें अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल 15 गवाह व 29 दस्तावेज पेश करवाए गए. वही आरोपी की तरफ से 2 दस्तावेज पेश किए गए थे. विशिष्ठ न्यायाधीश ने मधुसूदन शर्मा ने मामले को घृणित अपराध मानते हुए आरोपी सीताराम को विभिन्न धाराओं मे जुर्म प्रमाणित मानते हुए 20 साल का कठोर कारावास व कुल 2 लाख 5 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया.
क्या था पूरा मामला?
इस मामले में विशिष्ठ लोक अभियोजक (पॉक्सो कोर्ट-टोंक) मोहम्मद मियां गुलजार ने बताया कि पीड़िता ने जांच में बताया था कि आरोपी सीताराम के उसे डरा-धमकाकर दुष्कर्म करने के कारण वह गर्भवती हुई थी. नाबालिग पीड़िता की ओर से पुलिस जांच के दौरान दिए बयान के अनुसार आखातीज के दिन वह और उसकी दादी के साथ घर पर सो रहे थी. आरोपी सीताराम रात को 11 बजे उनके घर गया और बालिका मुंह रुमाल से बांधकर व दोनों हाथ पकड़कर वहां उठाकर बाड़े में ले गया और बालिका के विरोध करने के बावजूद उसके साथ दुष्कर्म किया। बालिका ने बताया कि आरोपी धमकी देकर गया था अगर दुष्कर्म वाली बात किसी को बताई तो वह उसे जान से खत्म कर देगा.
कैसे दबोचा गया आरोपी?
विशिष्ठ लोक अभियोजक (पॉक्सो कोर्ट-टोंक) मोहम्मद मियां गुलजार ने बताया कि आरोपी की ओर से बालिका कई बार दुष्कर्म करने के बाद जब उसके पेट में दर्द हुआ तो उसने अपनी आपबीती अपने परिजनों को बताई. परिजनों की ओर से बालिका की मेडिकल जांच में सामने आया कि पीड़िता 5 माह के गर्भ से है जिसके बाद पुलिस ने मेडिकल जांच और बालिका के बयानों के आधार पर आरोपी को दबोचा.
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