Bhai Dooj 2024: भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है भाई दूज, जानें नवंबर में कब मनाया जाएगा यह त्योहार
Bhai Dooj 2024: भाई दूज भारत में रक्षा बंधन की तरह ही एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसे पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसे भाई फोटा, भाऊ बीज, भाई बीज, भतृ द्वितीया, भाव बीज, भतृ दित्य, और भाई टीका के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज (Bhai Dooj 2024) के दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी समृद्धि और दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं।
भाई दूज तिथि और समय
भाई दूज दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘भाई’ का अर्थ है भाई और ‘दूज’ अमावस्या के उदय के बाद का दूसरा दिन है। यह त्योहार आमतौर पर कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की दूसरी चंद्र तिथि को पड़ता है, जो दिवाली के तुरंत बाद आता है। इस साल भाई दूज (Bhai Dooj 2024) विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष की दूसरी चंद्र तिथि को मनाया जाएगा। इस साल भाई दूज 3 नवंबर को मनाया जाएगा। त्योहार के लिए मुख्य अनुष्ठान 3 नवंबर को अपरान्ह समय के दौरान होंगे, जो दोपहर 01:17 बजे से दोपहर 03:38 बजे तक है। त्योहार के लिए शुभ द्वितीया तिथि 2 नवंबर को रात 8:21 बजे शुरू होगी और 3 नवंबर को रात 10:05 बजे समाप्त होगी।
भाई दूज क्यों मनाया जाता है?
भाई दूज का इतिहास और उत्पत्ति विभिन्न किंवदंतियों और पौराणिक कहानियों में निहित है। एक लोकप्रिय मिथक भगवान कृष्ण और उनकी बहन सुभद्रा से जुड़ा है। इसके अनुसार, भगवान कृष्ण राक्षस नरकासुर को हराने के बाद, अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए, जिन्होंने उनका आरती के साथ स्वागत किया, उनके माथे पर तिलक लगाया और उन्हें मिठाई खिलाई। बदले में, कृष्ण ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उनकी रक्षा करने का वादा किया। इस घटना ने भाई दूज त्योहार की नींव रखी।
एक और कहानी मृत्यु के देवता, यम और उनकी बहन, यमुना (यमी) से संबंधित है। ऐसा कहा जाता है कि यम इस दिन अपनी बहन यमुना से मिलने गए थे, और उन्होंने उनका स्वागत आरती और तिलक के साथ किया। यम अपनी बहन के स्नेह से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने घोषणा की कि जो भी भाई इस दिन अपनी बहन से तिलक प्राप्त करेगा, उसे लंबी और समृद्ध आयु का आशीर्वाद मिलेगा। यही कारण है कि इस दिन को "यम द्वितीया" के रूप में भी जाना जाता है।
भाई दूज का महत्व
भाई दूज एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भाई-बहन के बीच के बंधन का जश्न मनाता है। दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाने वाला यह त्योहार भाई-बहनों के बीच प्यार, सुरक्षा और शुभकामनाओं का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों की रक्षा और उनका साथ देने की कसम खाते हैं। इस रस्म में बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और आरती उतारती हैं, उसके बाद उपहारों का आदान-प्रदान होता है। भाई दूज पारिवारिक संबंधों को मजबूत करता है, भाई-बहन के रिश्तों के महत्व और भाई-बहनों के बीच सुरक्षात्मक बंधन का सम्मान करता है।
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