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Diwali 2024 Kab Hai: दीपावली और लक्ष्मी पूजन 31 अक्टूबर को, ज्योतिषाचार्य से जानें पूजा का सर्वोत्तम मुहूर्त

Diwali 2024 Kab Hai: इस वर्ष दिवाली या दीपावली 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय बताते है कि इस वर्ष कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि गुरुवार को दिन में 03:11...
12:09 PM Oct 26, 2024 IST | Preeti Mishra

Diwali 2024 Kab Hai: इस वर्ष दिवाली या दीपावली 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय बताते है कि इस वर्ष कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि गुरुवार को दिन में 03:11 से प्रारम्भ होकर दूसरे दिन शुक्रवार को सायं काल (Diwali 2024 Kab Hai) ही समाप्त हो जायेगी। अतः धर्मशास्त्रानुसार जिस दिन अमावस्या तिथि रात्रि काल में मिलती है, उसी दिन दीपावली मनाई जाती है। इसलिए इस वर्ष गुरुवार 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाया जाना शुभ प्रद होगा।

कैसे करें दिवाली के दिन पूजन

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय (Diwali 2024 Kab Hai) बताते है कि दीपावली की शाम को दीपोत्सव के साथ ही मां लक्ष्मी, भगवन गणेश और कुबेर आदि देवताओं का पूजन निष्ठा पूर्वक करनी चाहिए। दीपावली के दिन भगवती महालक्ष्मी का उत्सव बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए पहले से ही घरों को साफ सुथरा करके दीप आदि रोशनी से सजाकर घी के दीपों से भी सजाना चाहिए।

दिवाली के दिन दीप पूजन का है अलग ही महत्व

दीपावली के दिन दीपकों की पूजा का बहुत ही महत्व है। इसके लिए दो थाली में दीपकों को रखें, छह चतुर्मुख दीपक दोनों थाली में सजायें। 31 छोटे दीपकों में तेल-बत्ती रखकर जला दें। फिर जल, अक्षत, पुष्प, रोली, दूर्वा, चन्दन, अबीर, गुलाल, हाथ में लेकर अर्पित करें। धान का लावा अर्पित कर "ॐ दीपमालिकायै नमः" मंत्र को पढ़ें। इसके बाद धूप दीप दिखाकर लक्ष्मी, गणेश जी व कुबेर जी का उपरोक्त सामग्री आदि से पूजन कर भोग लगाकर आरती करें।

                                                                                                      ज्योतिषाचार्य पं राकेश पाण्डेय
जानें गणेश और लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पं राकेश पाण्डेय बताते है कि लक्ष्मी और कुबेर जी के प्रसन्नता हेतु अपने पूजा स्थल के पास बैठकर श्रीसूक्त या कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।
विद्यार्थियों को चाहिए की दिवाली के दिन रात्रि के समय में मां सरस्वती का ध्यान करते हुए सरस्वती की कृपा प्राप्ति हेतु पढाई जरूर करें और काले रंग की स्याही से लिखे।

सर्वोत्तम मुहूर्त- वृष लग्न शाम 06:11से 08:08 तक
मध्य रात्रि- सिंह लग्न-12:39 से 02:53 तक

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