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Mahashivratri Puja: महाशिवरात्रि पर भोले बाबा को अर्पित करें ये पांच वस्तुएं, बरसेगी कृपा

महाशिवरात्रि पर लोग व्रत रखते हैं और शिव मंदिरों में जाते हैं। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को विशेष चीज़ें अर्पित किया जाता है।
02:14 PM Feb 24, 2025 IST | Preeti Mishra
महाशिवरात्रि पर लोग व्रत रखते हैं और शिव मंदिरों में जाते हैं। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को विशेष चीज़ें अर्पित किया जाता है।
Mahashivratri Puja

Mahashivratri Puja: वो घडी नजदीक आ गयी है जिसका इंतजार शिव भक्तों को पुरे वर्ष रहता है। बस एक दिन बाद महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। बुधवार यानी 26 फरवरी भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि का पवित्र त्योहार है। इसे हर साल बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह शिव के तांडव की रात का प्रतीक है।

इस दिन (Mahashivratri Puja) मंदिरों को खूबसूरती से सजाया जाता है, और रात भर भजन और प्रार्थना के साथ जागरण होता है। ऐसा माना जाता है कि इस रात शिव की पूजा करने से पापों का नाश होता है, समृद्धि मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है, जो इसे एक गहन आध्यात्मिक और शुभ अवसर बनाता है।

महाशिवरात्रि (Mahashivratri Puja) पर लोग व्रत रखते हैं और शिव मंदिरों में जाते हैं। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को विशेष चीज़ें अर्पित किया जाता है। माना जाता है कि इस रात भगवान शिव को पवित्र वस्तुएं चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। यहां महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली पांच महत्वपूर्ण चीजें बताई गयी हैं:

बिल्व पत्र

बिल्व पत्र (Bilva Patra) भगवान शिव को प्रिय माने जाते हैं और महाशिवरात्रि के दौरान इन्हें अवश्य चढ़ाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, बिल्व पत्र के तीन पत्ते ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) का प्रतिनिधित्व करते हैं। बिल्व पत्र चढ़ाने से पापों का नाश होता है, नकारात्मकता दूर होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हमेशा "ओम नमः शिवाय" का जाप करते हुए ताजे, अक्षत पत्ते चढ़ाएं जिनकी डंठल ऊपर की ओर हो।

दूध

जल और दूध का उपयोग शिवलिंग के अभिषेक (Shivling Abhishekam) में किया जाता है, जो पवित्रता, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। जल शिव की उग्र ऊर्जा को ठंडा करता है, जबकि दूध शांति और पोषण का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसा माना जाता है कि शिव को दूध चढ़ाने से अच्छा स्वास्थ्य मिलता है, कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। "ओम नमः शिवाय" जैसे शिव मंत्रों का जाप करते हुए धीरे-धीरे शिवलिंग पर जल या दूध डालें।

धतूरा 

धतूरा और भांग (Dhatura and Bhang) भगवान शिव के लिए पवित्र हैं। किंवदंतियों के अनुसार, जब समुद्र मंथन के दौरान शिव ने जहर पी लिया था, तो इन जड़ी-बूटियों ने उसके प्रभाव को बेअसर करने में मदद की थी। इन्हें अर्पित करना भौतिक इच्छाओं और नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति का प्रतीक है। धतूरे का फल और भांग की पत्तियां पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ शिवलिंग के पास रखें।

चंदन

चंदन (Chandan) अपने शीतलन प्रभाव के लिए जाना जाता है और शांति और भक्ति के प्रतीक के रूप में भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। शिवलिंग पर चंदन लगाने से मन और शरीर शुद्ध होता है, आंतरिक शांति और मानसिक स्पष्टता आती है। भगवान शिव के नामों का जाप करते हुए शिवलिंग पर थोड़ी मात्रा में चंदन का लेप लगाएं।

शहद

शहद (Honey) मिठास, पवित्रता और पोषण का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि फल (Fruits) प्रचुरता और कृतज्ञता का प्रतीक है। माना जाता है कि इन्हें शिव को अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और बाधाएं दूर होती हैं। अभिषेक के दौरान शहद डालें और प्रसाद के रूप में केले, अनार या नारियल जैसे फल शिवलिंग के पास रखें।

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