Mrityu Panchak 2024: दिसंबर में इस दिन है मृत्यु पंचक, जानिए इस दिन क्यों नहीं करना चाहिए कोई शुभ काम
Mrityu Panchak 2024: हिन्दू धर्म में हर कार्य को शुरू करने से पहले पंचांग के अनुसार तिथि और समय का निर्धारण किया जाता है। पंचांग के अनुसार, शुभ और अशुभ समय देखे जाते हैं। पंचांग (Mrityu Panchak 2024) के अनुसार, हर महीने में पांच दिन ऐसे होते हैं जिनमे कोई शुभ कार्य या कोई नयी शुरुआत नहीं की जाती है। इन्ही पांच दिनों को पंचक कहा जाता है। पंचक पांच तरह के होते हैं। रोग पंचक, अग्नि पंचक, राज पंचक, चोर पंचक और मृत्यु पंचक। इनमें से प्रत्येक का अलग-अलग प्रभाव होता है।
क्या होता है मृत्यु पंचक?
मृत्यु पंचक (Mrityu Panchak 2024) वैदिक ज्योतिष में अशुभ मानी जाने वाली एक अवधि है, जो तब होती है जब चंद्रमा अंतिम पांच नक्षत्रों: धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती से होकर गुजरता है। "मृत्यु" शब्द मृत्यु का प्रतीक है, जो इस समय के दौरान दुर्भाग्य की बढ़ती संभावना का प्रतीक है। शनिवार को पड़ने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। सभी पंचकों में यह सबसे खतरनाक और अशुभ माना जाता है। ये पंचक मृत्यु समान कष्ट देते हैं। इस दौरान व्यक्ति को चोट लगने, दुर्घटना होने का खतरा सबसे अधिक होता है।
कब हैं इस वर्ष पंचक?
इस वर्ष पंचक की शुरुआत ही मृत्यु पंचक (Mrityu Panchak 2024) से हो रही है। यही कारण है कि इस बार पंचक के पांच दिन बहुत अशुभ माने जा रहे हैं। इस वर्ष पंचक की शरुआत 7 दिसंबर यानी शनिवार को सुबह 5.07 बजे से शुरू हो रहे हैं। इसकी समाप्ति 11 दिसंबर को सुबह 11.48 बजे होगी। इस बार के पंचक की शुरुआत शनिवार से हो रही है, इसलिए इसे मृत्यु पंचक कहा जा रहा है। पंचक मुख्यतः पाँच प्रकार के होते हैं: रोग पंचक रविवार को शुरू होने वाला पंचक है, राज्य पंचक सोमवार को शुरू होने वाला पंचक है, अग्नि पंचक मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक है, चोर पंचक शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक है और मृत्यु पंचक शनिवार को शुरू होने वाला पंचक है।
मृत्यु पंचक के दौरान इन पांच चीजों से बचना चाहिए
दाह संस्कार से बचें- अंतिम संस्कार करना अशुभ माना जाता है। यदि अपरिहार्य हो तो पारिवारिक दुर्भाग्य को रोकने के लिए विशेष अनुष्ठान करना चाहिए।
कोई प्रमुख कार्य नहीं- नकारात्मक परिणामों से बचने के लिए शादियों, गृहप्रवेश समारोहों या अन्य महत्वपूर्ण जीवन कार्यक्रमों के आयोजन से बचें।
निर्माण कार्य से बचें- इस अवधि के दौरान छत निर्माण या प्रमुख नवीनीकरण जैसी गतिविधियां शुरू या पूरी न करें।
लंबी यात्रा से बचें- ऐसा माना जाता है कि विशेष रूप से अवकाश या प्रमुख प्रतिबद्धताओं के लिए लंबी यात्राएं शुरू करना बाधाओं या देरी को आमंत्रित करता है।
ईंधन या लकड़ी न खरीदें- लकड़ी या ईंधन जैसी वस्तुएं, जो आग का प्रतीक हैं, अशुभ ऊर्जा से जुड़े होने के कारण खरीदने से हतोत्साहित किया जाता है।
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