Nahay Khay 2024: छठ पूजा में नहाय खाय का होता है विशेष महत्व, जानें इस दिन के अनुष्ठान
Nahay Khay 2024: लोक आस्था का महापर्व छठ कल नहाय खाय से शुरू होगा। चार दिनों तक चलने वाला यह त्योहार 8 नवंबर को भोर में सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होगा। यह त्योहार (Nahay Khay 2024) मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा अपने संतानों की भलाई और पारिवारिक खुशी के लिए मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और निकटवर्ती नेपाल में मनाया जाता था लेकिन अब इस त्योहार की धूम देश विदेश तक फ़ैल गयी है।
छठ पूजा के अवसर भगवान सूर्य की पूजा (Nahay Khay 2024) की जाती है। भगवान सूर्य, ऊर्जा तथा जीवन-शक्ति के देवता हैं। माना जाता है कि छठ पूजा के पावन अवसर पर भगवान सूर्य की आराधना करने से समृद्धि एवं प्रगति की प्राप्ति होती है तथा मनुष्य का कल्याण होता है। छठ पूजा को सूर्य षष्ठी, छठ, छठी, छठ पर्व, डाला पूजा तथा डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है।
क्या होता है नहाय खाय में?
नहाय खाय (Nahay Khay 2024) शुद्धिकरण अनुष्ठान के साथ छठ पूजा की शुरुआत का प्रतीक है। नहाय खाय कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाएगा, जो 5 नवंबर को है। नहाय खाय में साफ़-सफाई का विशेष महत्व होता है। भक्त विशेष रूप से सुबह के समय पवित्र नदियों या तालाबों में स्नान करते हैं। वे एक ही समय का भोजन भी करते हैं जो बिना प्याज या लहसुन के बनाया जाता है। इस दिन व्रती लौकी और चावल का साधारण भोजन तैयार करते हैं। जो लोग व्रत रहते हैं वो नहाय खाय से लेकर खड़ना तक केवल एक बार भोजन करते हैं। खड़ना के बाद 36 घंटों का कठिन निर्जला उपवास शुरू होता है जो छठ के आखिरी दिन उगे हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होता है।
नहाय खाय में कद्दू भात का क्या महत्व है?
नहाय खाय छठ पूजा त्योहार का पहला दिन होता है। इस दिन कद्दू भात का बहुत महत्व होता है। लौकी और चावल से बना यह साधारण भोजन शुद्ध, सात्विक तरीके से तैयार किया जाता है। पवित्र छठ पूजा व्रत प्रक्रिया शुरू करने के लिए व्रती अपने शरीर और आत्मा को शुद्ध करने के लिए कद्दू भात का सेवन करते हैं। यह भोजन जीवन की जीविका के लिए आभार व्यक्त करते हुए, सूर्य देव को एक विनम्र भेंट के रूप में भी कार्य करता है। इस व्यंजन का सेवन छठ पूजा की आध्यात्मिक यात्रा पर निकलने के लिए सादगी, भक्ति और तत्परता का प्रतीक है।
छठ पूजा मुहूर्त
मुख्य छठ पूजा षष्ठी बृहस्पतिवार, 7 नवम्बर को मनाई जाएगी। वहीँ इसके अगले दिन 8 नवंबर को उगे हुए सूर्य को अर्घ्य के साथ ही छठ पूजा का समापन होगा।
सूर्योदय समय छठ पूजा के दिन - 06:18
सूर्यास्त समय छठ पूजा के दिन - 17:48
षष्ठी तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 07, 2024 को 02:11 बजे
षष्ठी तिथि समाप्त - नवम्बर 08, 2024 को 02:04 बजे
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