Sawan 2024: आज से सावन का पवित्र महीना शुरू, पहले सोमवार पर सुबह से ही शिव मंदिरों पर लगा है भक्तों का तांता
Sawan 2024: भगवन शिव को समर्पित सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है। सुबह से ही शिव मंदिरों पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। सावन माह (Sawan 2024) के पहले सोमवार को देश के विभिन्न हिस्सों में भगवान शिव के मंदिरों में सुबह से ही भक्त पूजा-अर्चना के लिए आने लगे।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में भोर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु जल चढाने के लिए उमड़ पड़े हैं। श्रद्धालु सावन (Sawan 2024) के इस पहले सोमवार को शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए भोर में ही लाइन में लग गए। यही हाल उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर का भी था। जहां लोग सुबह से ही शिवलिंग पर जल चढाने के लिए कतार में खड़े थे। देश के सभी शिव मंदिरों में भगवन भोलेनाथ को जल अर्पित करने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े।
इस बार सावन महीने में पड़ेंगे पांच सोमवार
हिंदू कैलेंडर में पांचवां महीना सावन, साल का सबसे शुभ महीना माना जाता है। यह भगवान शिव को समर्पित है, जो हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस ब्रह्मांड के निर्माता, संरक्षक और संहारक हैं। वैसे तो पूरे साल सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है, लेकिन इस विशेष महीने के दौरान सोमवार को अत्यधिक महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है।
सावन के सोमवार पर भक्त उपवास रखते हैं और शिव मंदिरों में जाते हैं। सावन का महीना इस बार 22 जुलाई सोमवार को शुरू हो रहा है। सावन महीने की समाप्ति भी सोमवार 19 अगस्त को होगा। इसी दिन रक्षाबंधन भी मनाया जायेगा। इस बार सावन महीने में पांच सोमवार पड़ेंगे।
पहला सावन सोमवार- 22 जुलाई 2024
दूसरा सावन सोमवार- 29 जुलाई 2024
तीसरा सावन सोमवार- 5 अगस्त 2024
चौथा सावन सोमवार- 12 अगस्त 2024
पांचवां सावन सोमवार- 19 अगस्त 2024
सावन सोमवार का महत्व
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि श्रावण का पवित्र महीना आज 22 जुलाई, 2024 से शुरू हो गया है और यह 19 अगस्त, 2024 को समाप्त होगा। इस पवित्र महीने में, भक्त अत्यधिक भक्ति और समर्पण के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। यह महीना उन भक्तों के लिए एक महान अवसर है जो अपने ईमानदार कृत्यों से भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनका आशीर्वाद लेना चाहते हैं। सोमवार एक विशेष दिन है जो भोलेनाथ को समर्पित है लेकिन जब सोमवार श्रावण मास में आता है तो इसका विशेष अर्थ और महत्व होता है। भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न पूजा अनुष्ठान करते हैं। वे सुबह से शाम तक उपवास रखते हैं, सभी तामसिक गतिविधियों से दूर रहते हैं और रुद्राभिषेक करते हैं। इस दिन रुद्राभिषेक करना सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक गतिविधियों में से एक है, जो भक्तों के जीवन से असीम शांति और विभिन्न समस्याओं को दूर करता है।
रुद्राभिषेक का महत्व
रुद्राभिषेक सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसे सावन सोमवार को किया जाना और भी विशेष माना जाता है। यहां इस लेख में हम आपको रुद्राभिषेक करने के लिए चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका दे रहे हैं।
सामग्री- दूध, दही, घी, चीनी, शहद और सामान्य पानी, बत्ती, बिल्व पत्र, चंदन का पेस्ट, अगरबत्ती, अक्षत, और फूल या फूलों का हार।
रुद्राभिषेक कैसे करें?
शिवलिंग पर सामान्य जल चढ़ाएं। इससे शिवलिंग शुद्ध हो जाता है।
दूध- दूध चढ़ाना शुभ माना जाता है।
दही- फिर शिवलिंग पर दही चढ़ाएं।
चीनी- व्यक्ति को चीनी पाउडर अवश्य चढ़ाना चाहिए।
घी- शिव लिंग पर थोड़ा सा घी जरूर चढ़ाएं।
शहद- शहद जीवन में प्यार और स्थिरता लाता है।
जल- फिर से सामान्य जल से शिवलिंग को साफ करें।
चंदन का लेप- शिवलिंग पर पीले चंदन का लेप चढ़ाएं इससे जीवन में समृद्धि आएगी।
बिल्व पत्र- भक्तों को बिल्व पत्र अवश्य चढ़ाना चाहिए।
माला- भगवान शिव को माला या फूल चढ़ाएं।
अक्षत- धन-संपत्ति के लिए भक्तों को अक्षत चढ़ाना चाहिए।
दीया- एक दीया देसी गाय के घी से जलाना चाहिए।
अगरबत्ती- नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए अगरबत्ती जलाएं।
मंत्रों का जाप करें- भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए।
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