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Rajasthan: 12 साल एक स्कूल में नौकरी...कईयों को लगाया सरकारी नौकरी, ट्रांसफर हुआ तो विदाई देने उमड़ा गांव

Salumber News Rajasthan: सलूम्बर। राजस्थान के सलूम्बर जिले में एक सरकारी शिक्षक के ट्रांसफर के बाद उसे विदाई देने पूरा गांव उमड़ पड़ा। (Salumber News Rajasthan) स्कूल में भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया और DJ के साथ गांव...
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Salumber News Rajasthan: सलूम्बर। राजस्थान के सलूम्बर जिले में एक सरकारी शिक्षक के ट्रांसफर के बाद उसे विदाई देने पूरा गांव उमड़ पड़ा। (Salumber News Rajasthan) स्कूल में भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया और DJ के साथ गांव के लोग शिक्षक को गांव से विदाई देने पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि नितिन शुक्ला सर ने पिछले 12 साल में पूरे गांव की तकदीर बदल दी। इनकी बदौलत आज कई बच्चे सरकारी नौकरी कर रहे हैं।

शिक्षक ने 12 साल बच्चों को दी मुफ्त कोचिंग और पुस्तकें

शिक्षक के साथ बच्चों और अभिभावकों के अनूठे प्रेम का यह मामला सलूम्बर की जयसमंद पंचायत समिति की अदवास ग्राम पंचायत के गुडा गांव का है। शिक्षक नितिन शुक्ला गुडा गांव के सरकारी स्कूल में पिछले 12 साल से कार्यरत हैं। गांव की सरपंच मावा मीना का कहना है कि शिक्षक नितिन शुक्ला शिक्षा के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। वो स्कूल में पढ़ाने के बाद गांव में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को निशुल्क कोचिंग भी देते थे। कई बच्चों को पुस्तकें भी लाकर दीं। अब इनके पढ़ाए हुए कई स्टूडेंट सरकारी सेवा में हैं।

डिजिटल क्लास रुम बनवाया, बच्चों की रिपोर्ट तैयार की

विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति के सदस्य रतन सिंह सिसोदिया ने बताया कि नितिन सर ने सरकारी स्कूल में डिजिटल क्लास भी शुरू करवाई थी। वे हमेशा अभिभावकों को बुलाकर बच्चों की रिपोर्ट बताते थे ताकि बच्चे को आ रही परेशानी और उसकी ग्रोथ की जानकारी उनके घरवालों को भी रहे। उन्होंने गांव में शिक्षा का बेहतरीन माहौल तैयार किया। यही वजह है कि उन्हें विदाई देने पूरा गांव उमड़ पड़ा।

अब ट्रांसफर हुआ तो विदाई देने उमड़ पड़ा पूरा गांव

अदवास ग्राम पंचायत की सरपंच पति मावा मीणा का कहना है कि शिक्षक नितिन शुक्ला का करीब 12 साल बाद TSP एरिया से नॉन TSP एरिया में ट्रांसफर हुआ है। इस ट्रांसफर की खबर से एकबारगी तो ग्रामीणों को धक्का लगा। मगर फिर ग्रामीणों ने कहा कि TSP एरिया से बहुत मुश्किल से ट्रांसफर होता है, इसलिए अगर हमने शिक्षक को नहीं जाने दिया तो इनका नुकसान हो जाएगा। इसके बाद ग्रामीणों ने खुशी- खुशी शिक्षक को विदाई दी। इसके लिए गांव के स्कूल में भव्य कार्यक्रम हुआ। जिसमें पूरा गांव उमड़ा। सभी लोग DJ और बैंड की धुन के बीच शिक्षक को घोड़ी पर बिठाकर गांव की सीमा तक लाए और विदाई दी।

मैंने करीब से देखा संघर्ष..इसलिए बच्चों को किया मोटिवेट

शिक्षक नितिन शुक्ला का कहना है कि उनका निजी जीवन काफी संघर्ष भरा रहा। पोस्टमैन पिता ने हमेशा पढ़ने के लिए मोटिवेट किया। इसलिए अब मैं भी इन बच्चों को पढ़ाई के लिए मोटिवेट कर रहा हूं, जिससे इन्हें ज्यादा संघर्ष ना करना पड़े। नितिन मूलत: करौली के हिंडौन के पास कटकड गांव के रहने वाले हैं। पिछले 12 साल से नितिन गुडा के सरकारी स्कूल में कार्यरत थे। अब इनका नॉन TSP एरिया में ट्रांसफर हुआ है।

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