Bangladesh Politics: 'शेख हसीना के भारत में शरण लेने से द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा'- मोहम्मद तौहीद हुसैन
Bangladesh Politics: बांग्लादेश की सियासी (Bangladesh Politics) उठा-पटक के बीच वहां कि अंतरिम सरकार के एक शीर्ष सलाहकार ने सोमवार को कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में लंबे समय तक रहने से द्विपक्षीय संबंधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा और ढाका हमेशा नई दिल्ली के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करेगा। विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने यह टिप्पणी तब की जब उनसे पूछा गया कि क्या हसीना के भारत में लंबे समय तक रहने से भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध प्रभावित होंगे।
बांग्लादेश छोड़ने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फिलहाल भारत में ही शरण लिए हुए हैं। ऐसे में ढाका संग नई दिल्ली के रिश्ते पर इसका क्या असर पड़ेगा, इसके बारे में बात करते हुए मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि, "यह एक काल्पनिक प्रश्न है। अगर कोई किसी देश में रहता है तो उस देश के साथ उसके संबंध क्यों प्रभावित होंगे? ऐसा होने का कोई कारण नहीं है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि द्विपक्षीय संबंध एक बड़ा मुद्दा है। हुसैन ने कहा कि द्विपक्षीय संबंध हितों का रिश्ता है और दोस्ती भी हितों की होती है। "अगर हितों को ठेस पहुंचे तो दोस्ती नहीं रह जाती।" उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों - बांग्लादेश और भारत - के हित हैं और वे उन हितों का पालन करेंगे। हुसैन ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध "किसी एक देश में एक व्यक्ति की मौजूदगी से प्रभावित नहीं होते" जबकि "भारत के अपने हित हैं, और बांग्लादेश के अपने हित हैं"।
'अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश'
हुसैन ने यह भी कहा कि वे भारत के साथ "हमेशा अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करेंगे"। इससे पहले, उन्होंने बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा सहित ढाका में तैनात राजनयिकों को बांग्लादेश की स्थिति के बारे में जानकारी दी और उनका समर्थन मांगा। हुसैन ने राजनयिकों से कहा, "हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हमारे सभी मित्र और साझेदार अंतरिम सरकार और हमारे लोगों के साथ खड़े रहेंगे, क्योंकि हम बांग्लादेश के लिए एक नया भविष्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।" एक कैरियर राजनयिक और पूर्व विदेश सचिव हुसैन ने फिर से पुष्टि की कि बांग्लादेश अन्य देशों के साथ किए गए सभी समझौतों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश ने पिछले सप्ताह "हमारे साहसी छात्रों" के नेतृत्व में एक बड़े पैमाने पर विद्रोह द्वारा प्रेरित "दूसरी मुक्ति" का अनुभव किया था। इसी के साथ उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अंतरिम सरकार लोगों की नई अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और विश्वास व्यक्त किया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अंतरिम सरकार और बांग्लादेश के लोगों का समर्थन करना जारी रखेगा क्योंकि वे एक नए भविष्य की दिशा में काम कर रहे हैं।
बांग्लादेश में नई शुरुआत
उन्होंने कहा, "बांग्लादेश एक नई शुरुआत के कगार पर है।" सलाहकार ने राजनयिकों को बताया कि सरकार ने कानून-व्यवस्था बहाल करने और देश भर में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए त्वरित और निर्णायक कदम उठाए हैं। ढाका में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों सहित सभी राजनयिक मिशनों के प्रतिनिधियों ने ब्रीफिंग में भाग लिया और सुरक्षा उपायों, रोहिंग्या मुद्दे और वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली।
हुसैन ने कहा, "हम आश्वस्त कर सकते हैं कि राजनयिक और वाणिज्य दूतावास परिसरों और व्यक्तियों की सुरक्षा हमारी मुख्य प्राथमिकताओं में से एक रहेगी।" उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार सभी विदेशी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता के प्रति संवेदनशील बनी हुई है।" "जितनी जल्दी हो सके समावेशी और बहुलवादी चुनावी लोकतंत्र" में सुचारू संक्रमण पर ध्यान केंद्रित करेगी।
रविवार को विदेश मंत्रालय में अपनी पहली प्रेस ब्रीफिंग के दौरान हुसैन से हसीना को घर वापस लाने की संभावना के बारे में पूछा गया। उन्होंने जवाब दिया कि यह मामला कानून मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है जबकि उनका कार्यालय केवल तभी जवाब देगा जब वह मंत्रालय ऐसा कोई अनुरोध करेगा।
मंत्री के समकक्ष पद पर आसीन हुसैन ने कहा, "हमारी नीति अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की है।" हुसैन ने कहा, "हम भारत और चीन सहित सभी देशों के साथ सहज और सकारात्मक संबंध बनाए रखने का इरादा रखते हैं।" हुसैन पहले भारत में उप उच्चायुक्त के पद पर कार्यरत थे। भारत के प्रति अंतरिम सरकार के दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर हुसैन ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत और गहरा रिश्ता है।
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