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Bangladesh Violence: कुर्सी छिनने के बाद शेख हसीना ने भारत में क्यों लिया शरण? यहां समझें

Bangladesh Violence: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का 15 साल का शासन सोमवार, 5 अगस्त को खत्म हो गया, जब कई सप्ताह से चल रहे घातक विरोध प्रदर्शनों (Bangladesh Violence) के कारण उन्हें अपने पद से इस्तीफा देकर और देश...
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Bangladesh Violence

Bangladesh Violence: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का 15 साल का शासन सोमवार, 5 अगस्त को खत्म हो गया, जब कई सप्ताह से चल रहे घातक विरोध प्रदर्शनों (Bangladesh Violence) के कारण उन्हें अपने पद से इस्तीफा देकर और देश छोड़कर भागना पड़ गया। इस बीच सेना ने भी घोषणा कर दी कि वह अंतरिम सरकार बनाएगी। समाचार एजेंसी एएनआई ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए बताया कि शेख हसीना उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन एयर बेस पर सी-130 परिवहन विमान से उतरी हैं। फिलहाल वह है हिंडन एयरबेस के गेस्ट हाउस में ही रह रही हैं।

इस विमान को भारतीय वायु सेना के सी-17 और सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान हैंगर के पास पार्क किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश से लेकर गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस तक विमान की गतिविधियों पर नजर रखी। इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि शेख हसीना अपनी बहन के साथ एक सैन्य हेलीकॉप्टर में सवार होकर भारत जा रही हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया था कि शेख हसीना त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में उतरी हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर वे मुसीबत की घड़ी अपना देश छोड़कर भारत के पास शरण मांगने ही क्यों आईं? आइये जानते हैं।

शेख हसीना भारत क्यों आईं?

1. पिछले कई सालों से भारत शेख हसीना का अहम समर्थक रहा है, जिसने दोनों देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को बढ़ावा दिया है। बांग्लादेश की सीमा कई पूर्वोत्तर राज्यों से लगती है, जिनमें से कई दशकों से उग्रवादी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ढाका में एक दोस्ताना शासन इन मुद्दों को हल करने में सहायक रहा है।

2. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अपने कार्यकाल के दौरान, शेख हसीना ने कथित तौर पर बांग्लादेश में भारत विरोधी उग्रवादी समूहों पर नकेल कसी, जिससे दिल्ली में उनकी साख बनी। उन्होंने भारत को पारगमन अधिकार भी दिए, जिससे भारतीय मुख्य भूमि से उसके पूर्वोत्तर राज्यों में माल की आवाजाही आसान हुई।

3. शेख हसीना, जिन्होंने 1996 में अपने पहले चुनाव के बाद से भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे हैं, उन्होंने तबसे ही लगातार दिल्ली के साथ ढाका के मजबूत संबंधों का बचाव किया है।

4. 2022 में भारत की यात्रा के दौरान, उन्होंने बांग्लादेश के लोगों को याद दिलाया कि कैसे भारत ने अपनी सरकार, लोगों और सशस्त्र बलों के साथ मिलकर 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बांग्लादेश का समर्थन किया था।

5. हालांकि, भारत के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों और भारत द्वारा उनके समर्थन की विपक्षी दलों और कार्यकर्ताओं द्वारा आलोचना की गई है। उनका तर्क है कि भारत को बांग्लादेश के लोगों का समर्थन करना चाहिए, किसी विशेष पार्टी का नहीं। पिछले एक दशक में भारत और बांग्लादेश के बीच रणनीतिक संबंध बढ़ रहे हैं। बांग्लादेश भारत की "पड़ोसी पहले" नीति, विशेष रूप से ऊर्जा, वित्तीय और भौतिक संपर्क को मजबूत करने के उद्देश्य से अनुदान और ऋण की लाइनों का मुख्य लाभार्थियों में से एक रहा है।

6. संपर्क क्षेत्र में उपलब्धियों में त्रिपुरा में फेनी नदी पर मैत्री सेतु पुल का उद्घाटन और चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल लिंक का शुभारंभ शामिल है। बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा विकास भागीदार है, जिसके पास उस देश को दी गई ऋण लाइनों के तहत नई दिल्ली की लगभग एक-चौथाई प्रतिबद्धताएँ हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार भी है और भारत एशिया में बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। भारत एशिया में बांग्लादेश का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है, जिसका 2022-23 के दौरान 2 बिलियन डॉलर का निर्यात है।

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