Donald Trump 2.0: डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार बनने से पूरे अमेरिका में पड़ सकता है गैस की कीमतों पर असर
Donald Trump 2.0: डोनाल्ड ट्रम्प की दोबारा सरकार बनने से तेल कंपनियों के लिए अनुकूल स्थिति बनने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन इससे वैश्विक तेल की कीमतों में बड़े बदलाव आ सकते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप सत्ता में लौटने से, ऊर्जा क्षेत्र के कई नियमों में ढील मिल सकती है, जिससे तेल कंपनियों को फायदा होगा। लेकिन अगर ईरान के साथ तनाव बढ़ता है, तो तेल की आपूर्ति कम हो सकती है और कीमतों में इजाफा हो सकता है।
ट्रम्प की जीत से तेल उद्योग को फायदा
गैसबडी के पेट्रोलियम विशेषज्ञ पैट्रिक डी हान ने कहा कि ट्रंप का चुनाव जीतना तेल उद्योग के लिए फायदेमंद हो सकता है। खासकर अगर वे ऊर्जा नियमों में नरमी लाते हैं। हालांकि, उन्होंने चेताया कि अगर ट्रंप ईरान पर सख्त प्रतिबंध लगाते हैं, तो तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं क्योंकि इससे ईरान का तेल निर्यात प्रभावित होगा और बाजार पर दबाव पड़ेगा।
प्राइस फ्यूचर्स ग्रुप के वरिष्ठ विश्लेषक फिल फ्लिन ने भी कहा कि ईरानी तेल पर प्रतिबंध लगाने से सप्लाई में कमी आ सकती है। ईरान प्रतिदिन करीब 1.7 मिलियन बैरल तेल का निर्यात करता है और अगर यह सप्लाई घटती है, तो उसकी भरपाई किसी और स्रोत से करनी होगी। यदि ओपेक इस कमी को पूरा नहीं कर पाता, तो इसका असर अमेरिकी तेल कंपनियों पर पड़ सकता है। हालांकि, महंगाई और नई सरकारी नीतियों के कारण अमेरिका में तेल उत्पादन पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहा है।
घट रही रिफाइनिंग क्षमता
अमेरिका में तेल रिफाइनिंग क्षमता भी घट रही है। 2020 में यह 18.98 मिलियन बैरल प्रतिदिन थी, लेकिन 2021 और 2022 में इसमें गिरावट आई। 2023 और 2024 में कुछ सुधार जरूर हुआ है, पर यह अभी भी पहले के स्तर पर नहीं पहुंची है। डी हान का मानना है कि तेल की कीमतें नीचे जा सकती हैं, लेकिन ट्रंप का उन्हें आधा करने का दावा शायद संभव नहीं है।
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