Hezbollah Exploding Pager: ताईवान से लेकर बुडापेस्ट तक फैला है पेजर ब्लास्ट का नेटवर्क, जानें कैसे बना प्लान
Hezbollah Exploding Pager: लेबनान में बुधवार को पेजर्स में हुए सीरियल ब्लास्ट्स के बाद दुनियाभर में सनसनी फैली हुई है। इस घटना में आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के 9 कमांडर्स के मारे जाने की सूचना है। जबकि 3000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। घायलों में ईरान का एक राजदूत भी शामिल है। अब इस घटना (Hezbollah Exploding Pager) से जुड़ी परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। लेबनान के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों को जानकारी देते हुए बताया है कि यह काम इजरायल की जासूसी एजेंसी मोसाद का ही है।
इस तरह फिट किया विस्फोटक
जानकारी के अनुसार मोसाद ने हिजबुल्लाह द्वारा आयातित 5,000 पेजर के अंदर विस्फोटक (Hezbollah Exploding Pager) लगाए थे। इस ऑपरेशन को कई महीनों पहले ही प्लान कर लिया गया था और इसके तार ताइवान से लेकर बुडापेस्ट तक फैले थे। यह ऑपरेशन हिजबुल्लाह के सुरक्षा चक्र में अब तक की सबसे बड़ी सेंध माना जा रहा है। लेबनानी सुरक्षा सूत्र के मुताबिक जिन पेजर्स में धमाके हुए वे सभी ताइवान स्थित गोल्ड अपोलो के थे। लेकिन गोल्ड अपोलो ने एक बयान जारी कर कहा कि वह इन उपकरणों का निर्माण नहीं करती है। इन स्पेशल गैजट्स को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में स्थित BAC नामक कंपनी द्वारा बनाया गया था, जिसके पास इस ब्रांड का उपयोग करने का लाइसेंस है। हालांकि इस पूरे मामले में अभी तक इजरायल की सेना की तरफ से किसी तरह का कोई बयान सामने नहीं आया है।
पते से कंपनी गायब
चौंकाने वाली बात यह है कि BAC कंसल्टिंग का जो पता दस्तावेजों में दर्ज है, वहां यह कंपनी मौजूद ही नहीं है। उस पते पर कई अन्य कंपनियां भी पंजीकृत हैं। बीएसी कंसल्टिंग की सीईओ क्रिस्टियाना बार्सोनी-आर्किडियाकोनो ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर बताया कि उन्होंने यूनेस्को सहित विभिन्न संगठनों के लिए सलाहकार के रूप में काम किया है। लेकिन घटना के बाद उनसे भी संपर्क नहीं हो पाया है।
खास तौर पर बने थे ये पेजर
वरिष्ठ लेबनानी सुरक्षा स्रोत ने पेजर के मॉडल की एक तस्वीर की पहचान की, जो एपी-924 है, जो अन्य पेजर की तरह वायरलेस तरीके से टेक्स्ट संदेश प्राप्त करता है और प्रदर्शित करता है, लेकिन टेलीफोन कॉल नहीं कर सकता। हिजबुल्लाह के लड़ाके इजरायली लोकेशन-ट्रैकिंग से बचने के प्रयास में पेजर का इस्तेमाल कम तकनीक वाले संचार के साधन के रूप में कर रहे हैं। लेकिन वरिष्ठ लेबनानी स्रोत ने कहा कि उपकरणों को मोसाद द्वारा "प्रोडक्शन के लेवल" पर ही मोडिफाय कर दिया गया था।
सूत्र ने कहा, "मोसाद ने डिवाइस के अंदर एक बोर्ड लगाया जिसमें विस्फोटक सामग्री है और यह एक कोड प्राप्त करता है। किसी भी माध्यम से इसका पता लगाना बहुत कठिन है। किसी भी डिवाइस या स्कैनर से भी नहीं।" सूत्र ने कहा कि जब उन्हें कोडित संदेश भेजा गया तो विस्फोटक सक्रिय हो गए। एक अन्य सुरक्षा सूत्र ने बताया कि नए पेजर में तीन ग्राम तक विस्फोटक छिपा हुआ था। हिजबुल्लाह को महीनों तक इसका पता नहीं लगा था।
घटना से तनाव बढ़ा
पेजर विस्फोट ऐसे समय में हुआ है जब इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ रही है, जो पिछले अक्टूबर में गाजा संघर्ष के शुरू होने के बाद से सीमा पार युद्ध में लगे हुए हैं। इस युद्ध में अब ईरान और अमेरिका के भी शामिल होने का खतरा मंडरा रहा है। ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है। हालांकि कार्नेगी मिडिल ईस्ट सेंटर के मोहनद हेज अली ने कहा, "हिजबुल्लाह एक पूर्ण युद्ध से बचना चाहता है। लेकिन पैमाने को देखते हुए, परिवारों और नागरिकों पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए, एक मजबूत प्रतिक्रिया के लिए दबाव होगा।"
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