Islamabad Protest: पाकिस्तान में अशांति, 'देखते ही गोली मारने' के आदेश पर बढ़का विरोध
Islamabad Protest: पाकिस्तान ने मंगलवार को राजधानी में सेना तैनात कर दी और प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश जारी किया, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें तेज़ हो गईं।
सरकार ने बताया कि सोमवार देर रात चार अर्धसैनिक रेंजर और दो पुलिसकर्मी मारे गए, जबकि हिंसा में 100 से अधिक सुरक्षा कर्मी घायल हुए। हजारों प्रदर्शनकारी इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे थे।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रदर्शनकारियों पर सैनिकों की मौत का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों ने वाहनों के काफिले से अर्धसैनिक बलों को कुचल दिया। उन्होंने इसे शांतिपूर्ण प्रदर्शन मानने से इनकार करते हुए कहा, "यह चरमपंथ है", जिसका उद्देश्य "दुष्ट राजनीतिक मंसूबों" को पूरा करना है।
PTI का दावा: दो प्रदर्शनकारियों की मौत
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रवक्ता जुल्फिकार बुखारी ने शरीफ के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि झड़पों में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और 30 घायल हुए हैं। बुखारी ने बताया कि एक प्रदर्शनकारी को गोली मारी गई, जबकि दूसरे को वाहन से कुचल दिया गया। हालांकि, इन मौतों की पुष्टि के लिए सरकारी अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सरकार से प्रदर्शनकारियों के अधिकारों की रक्षा करने और "देखते ही गोली मारने" के आदेशों को वापस लेने की मांग की। संगठन ने कहा कि यह आदेश सेना को अनुचित और अत्यधिक शक्ति प्रदान करते हैं।
गुलेल vs रबर की गोलियां
इमरान खान के समर्थकों ने सड़कों पर लगे अवरोधकों को हटा दिया, जबकि वाहनों से देशभक्ति के गाने बजाए जा रहे थे। कुछ प्रदर्शनकारी नाचते हुए "क्रांति! क्रांति!" के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने डि-चौक पहुंचकर "कैदी नंबर 804" (इमरान खान का संदर्भ) के नारे लगाए। उन्होंने रास्ते में लगाए गए शिपिंग कंटेनरों पर चढ़कर अपना विरोध जताया। PTI कार्यकर्ता, जिनमें से कई गुलेल और डंडे लेकर आए थे, वे पुलिस और सुरक्षा बलों से भिड़ गए। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया।
इंटरनेट सेवा निलंबित
इमरान खान ने इस प्रदर्शन का आह्वान सप्ताहांत में किया था। सेना-समर्थित नागरिक सरकार ने राजधानी को लॉकडाउन कर दिया, मुख्य राजमार्गों को बंद कर दिया और कई इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी सोमवार रात इस्लामाबाद में दाखिल हो गए।
इमरान खान की पत्नी का नेतृत्व
इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं। उनके साथ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर भी थे। इस्लामाबाद पहुंचने पर बुशरा बीबी ने कंटेनर ट्रक से कहा, "मैं वादा करती हूं कि यहां आखिरी महिला मैं रहूंगी। मैं डि-चौक से इमरान को बाहर लाए बिना नहीं जाऊंगी। आप भी मुझसे वादा करें कि आप तब तक नहीं जाएंगे जब तक खान बाहर नहीं आते।"
इमरान खान का संदेश
जेल से X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए 72 वर्षीय इमरान खान ने लिखा, "मेरी टीम को मेरा संदेश स्पष्ट है: आखिरी गेंद तक लड़ो... यह पाकिस्तान के अस्तित्व और सच्ची आज़ादी के लिए संघर्ष है।" उन्होंने राजधानी में और अधिक समर्थकों से शामिल होने की अपील की।
'प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेला गया'
गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों से किसी भी तरह की बातचीत नहीं होगी। उन्होंने दावा किया कि डि-चौक पर इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेल दिया गया और क्षेत्र को साफ कर दिया गया है। इस बीच, इस राजनीतिक उथल-पुथल से निवेशक चिंतित हो गए हैं। इसके चलते मंगलवार को पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में $1.7 बिलियन से अधिक का नुकसान हुआ।
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