Pakistan Ballistic Missile Programme: परमाणु हथियारों के प्रसार पर रोक, अमेरिका ने पाकिस्तान को घेरा
Pakistan Ballistic Missile Programme: अमेरिका ने पाकिस्तान के लंबी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर नई प्रतिबंधों की घोषणा की है। इन प्रतिबंधों के तहत पाकिस्तान की सरकारी संस्था नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स (एनडीसी) और कराची स्थित तीन निजी कंपनियों को निशाना बनाया गया है। यह कदम मिसाइल और परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने दी जानकारी
बुधवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में बताया कि ये प्रतिबंध Executive Order 13382 के तहत लगाए गए हैं, जो व्यापक विनाश के हथियारों और उनकी वितरण तकनीकों के प्रसार को रोकने के लिए बनाया गया है। इन प्रतिबंधों के तहत, प्रतिबंधित संस्थाओं की अमेरिका में मौजूद संपत्तियां फ्रीज कर दी जाएंगी और अमेरिकी नागरिकों या कंपनियों को इनके साथ व्यापार करने पर रोक लगा दी जाएगी।
एनडीसी और शाहीन मिसाइल प्रोग्राम पर फोकस
एनडीसी, जिसका मुख्यालय इस्लामाबाद में है, पाकिस्तान के मिसाइल विकास कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, यह संस्थान शाहीन मिसाइल परिवार जैसे लंबी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम के लिए उपकरण जुटाने में सक्रिय है। माना जाता है कि ये मिसाइलें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं।
तीन निजी कंपनियां भी प्रतिबंधित
प्रतिबंधित निजी कंपनियों में अफिलिएट्स इंटरनेशनल, अख्तर एंड सन्स प्राइवेट लिमिटेड, और रॉक्साइड एंटरप्राइज शामिल हैं। इन पर एनडीसी को उपकरण और सामग्री उपलब्ध कराने का आरोप है, जो मिसाइल कार्यक्रम में इस्तेमाल किए जाते हैं।
पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का विस्तार चिंता का विषय
बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार हैं। 1998 में अपने पहले परमाणु परीक्षण के बाद, पाकिस्तान ने अपनी परमाणु क्षमताओं को लगातार बढ़ाया है। यह देश अभी तक परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का हिस्सा नहीं बना है।
अमेरिका का सख्त रुख
मैथ्यू मिलर ने अपने बयान में कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका ऐसे किसी भी प्रसार और खरीदारी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखेगा, जो चिंता का कारण बनती हैं।”
पाकिस्तानी दूतावास की प्रतिक्रिया बाकी
वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने अभी तक इन प्रतिबंधों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अमेरिका का यह कदम पाकिस्तान के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों पर वैश्विक दबाव बढ़ाने का संकेत देता है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों को रोका जा सके।
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