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Pakistan ISI: आईएसआई की नई साजिश, मानसिक अस्थिर और नाबालिगों के जरिए भारत में घुसपैठ

Pakistan ISI: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) कथित तौर पर भारत में ऐसे व्यक्तियों को घुसपैठ करा रही है, जो ड्रग्स के प्रभाव में हों या मानसिक रूप से अस्थिर प्रतीत होते हों। इन व्यक्तियों का उपयोग भारत...
09:45 PM Dec 09, 2024 IST | Ritu Shaw
Pakistan ISI: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) कथित तौर पर भारत में ऐसे व्यक्तियों को घुसपैठ करा रही है, जो ड्रग्स के प्रभाव में हों या मानसिक रूप से अस्थिर प्रतीत होते हों। इन व्यक्तियों का उपयोग भारत...

Pakistan ISI: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) कथित तौर पर भारत में ऐसे व्यक्तियों को घुसपैठ करा रही है, जो ड्रग्स के प्रभाव में हों या मानसिक रूप से अस्थिर प्रतीत होते हों। इन व्यक्तियों का उपयोग भारत में जेल में बंद आतंकवादियों को संदेश पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जुलाई 2023 से अब तक ऐसे 10 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें पाकिस्तानी नागरिक भारत और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर से भारत में प्रवेश करते पाए गए।

महिलाओं और नाबालिगों का इस्तेमाल

अधिकारियों के अनुसार, ISI इन घुसपैठियों में महिलाओं और नाबालिगों का भी इस्तेमाल कर रही है। जुलाई में पंजाब में पकड़े गए एक मामले में, पाकिस्तान के अटक का एक नाबालिग भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा पकड़ा गया।

ड्रग्स तस्करी से संबंध

ISI की इन गतिविधियों का ड्रग्स तस्करी से भी संबंध पाया गया है। राजस्थान के बिजनौर गांव में एक मामले में, एक पाकिस्तानी नागरिक ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसे पाकिस्तान के दो ड्रग्स तस्करों सरफराज जोहिया और नवाज ने भारत में ड्रग्स की तस्करी और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की तैनाती की जानकारी इकट्ठा करने के लिए भेजा था।

मोबाइल और इंटरनेट ट्रैकिंग से बचाव

मोबाइल फोन और इंटरनेट उपयोग से ट्रैकिंग के डर से ISI ने यह नई रणनीति अपनाई है। पकड़े गए घुसपैठियों की पूछताछ से पता चला है कि उन्हें जांच के दौरान जवाब देने से बचने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया था।

भूतकाल के 'सवारी ऑपरेटर' रणनीति का पुनः इस्तेमाल

अधिकारियों ने बताया कि 1990 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में ISI ने 'सवारी ऑपरेटर' नामक व्यक्तियों का उपयोग कर संदेश और धन भारत में पहुंचाया था। यह गतिविधि फरवरी 2019 में समझौता एक्सप्रेस के बंद होने के बाद समाप्त हो गई थी।

जेल और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया

इन घुसपैठियों को आमतौर पर फॉरेनर्स एक्ट और पासपोर्ट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाता है, जिसके तहत 2 से 8 साल की सजा हो सकती है। सजा पूरी होने के बाद इन्हें पाकिस्तान वापस भेज दिया जाता है। इन घटनाओं से संकेत मिलता है कि ISI पुराने तरीकों को दोबारा अपनाकर भारत में घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।

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