RFK and Trump: डोनाल्ड ट्रंप की बैठे-बिठाए लगी लौटरी, पूरा गेम बदल सकता है ये हुकुम का इक्का, जानें
RFK and Trump: डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से कमला हैरिस के मैदान में उतरने के बाद अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव बेहद रोचक हो गया है। जानलेवा हमले और जो बिडेन की घटती लोकप्रियता के बीच यह चुनाव रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में एकतरफा झुकता नजर आ रहा था। लेकिन ऐन मौके पर हैरिस के आ जाने से तस्वीर बदलने लगी है। भारतीय मूल की कमला हैरिस ट्रंप को कड़ी टक्कर दे रही हैं। मीडिया में भी हैरिस ट्रंप पर इक्कीस नजर आ रही हैं। लेकिन इसी बीच ऐसी खबर आई है कि मानो डोनाल्ड ट्रंप की बैठे-बिठाए लॉटरी लग गई है। दरअसल राष्ट्रपति पद के निर्दलीय उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने शुक्रवार को चुनावी अभियान छोड़ दिया है। यही नहीं उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थन (RFK and Trump) की भी घोषणा कर दी है। इसके कुछ ही देर बाद कैनेडी एक चुनावी रैली में डोनाल्ड ट्रंप के साथ नजर आए और भीड़ ने उनका जमकर स्वागत किया।
कौन हैं रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर (RFK and Trump)
यह जानना दिलचस्प हो सकता है कि कैनेडी ने अपनी राजनीतिक शुरुआत डेमोक्रेटिक पार्टी के ही साथ की थी। कैनेडी ने अप्रैल 2023 में डेमोक्रेटिक की तरफ से उम्मीदवारी पेश कर राष्ट्रपति जो बिडेन के लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी। उस समय कुछ मतदाताओं ने उम्रदराज बिडेन और कानूनी मामलों में उलझे ट्रम्प दोनों को नापसंद करते हुए कैनेडी में दिलचस्पी दिखाई। लेकिन पार्टी में सकारात्मक प्रतिक्रिया ना मिलने के बाद कैनेडी ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया। नवंबर 2023 में रॉयटर्स/इप्सोस के सर्वे में बिडेन और ट्रम्प के साथ तीन-तरफा दौड़ में कैनेडी को 20% समर्थन मिला था।
खास बात ये भी है कि आरएफके अमेरिका के ताकतवर सियासी परिवार कैनेडी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके अमेरिका में अच्छा-खासा वर्चस्व है। उनके पिता, रॉबर्ट एफ. कैनेडी एक चर्चित अमेरिकी सीनेटर रह चुके हैं और चाचा कैनेडी अमेरिका के पू्र्व राष्ट्रपति थे। अब पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को समर्थन देने के बाद 70 वर्षीय कैनेडी ने मंच से कहा जिन सिद्धांतों के कारण उन्हें पार्टी (डेमोक्रेटिक) छोड़नी पड़ी थी, उन्हीं सिद्धांतों की वजह से ही उन्होंने ट्रम्प को अपना समर्थन का फैसला किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वह 10 अहम चुनावीं राज्यों में मतपत्र से अपना नाम हटाने की कोशिश करेंगे।
कमला हैरिस के लिए चुनौती
निश्चित तौर पर आरएफके के ट्रंप के साथ जाने से कमला हैरिस के कैंपेन को बड़ा झटका लगा है। इसकी एक वजह यह भी है कि कैनेडी की डेमोक्रेटिक पार्टी के पुराने समर्थकों में अच्छी खासी पकड़ है। ऐसे में हैरिस के लिए इस नई चुनौती से पार पाना आसान काम नहीं होगा। हालांकि रणनीतिकारों के मुताबिक अभी तक यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि चुनाव में कैनेडी का समर्थन ट्रम्प की कितनी मदद कर पाएगा। वहीं हैरिस ने बयान जारी कर कहा है कि वह उन मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करने की हरसंभव कोशिश करेंगी, जो अभी तक कैनेडी के साथ थे।
कैनेडी परिवार ने बताया विश्वासघात
आरएफके के इस फैसले से उनका परिवार नाखुश है। उनकी बहन केरी कैनेडी ने शुक्रवार को कहा कि ट्रम्प का समर्थन करने के उनके फैसले को परिवार के मूल्यों के साथ विश्वासघात बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "यह एक दुखद कहानी का दुखद अंत है।" कैनेडी के पांच भाई-बहनों द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में कहा गया, "हम एक ऐसा अमेरिका चाहते हैं जो उम्मीदों से भरा हो और एक उज्जवल भविष्य के साझा दृष्टिकोण से बंधा हो, एक ऐसा भविष्य जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता, आर्थिक वादे और राष्ट्रीय गौरव से परिभाषित हो।" बयान में आगे कहा गया, "हमें हैरिस और वाल्ज पर विश्वास है। आज हमारे भाई बॉबी का ट्रंप का समर्थन करने का फैसला उन मूल्यों के साथ विश्वासघात है, जो हमारे पिता और हमारे परिवार को सबसे प्रिय रहे। यह एक दुखद कहानी का दुखद अंत है।"
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