Syria Update: सीरिया पर बशर अल-असद का बयान, 'मैंने कभी सीरिया छोड़ने का..'
Syria Update: सीरिया के निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद ने निर्वासन के बाद पहली बार सार्वजनिक बयान दिया है। अपने इस बयान में असद ने कहा कि उन्होंने कभी भी अपने पद से इस्तीफा देने या देश छोड़ने का इरादा नहीं किया था। उन्होंने दावा किया कि वह "आतंकवाद" के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार थे।
आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष पर जोर
असद ने कहा कि सीरिया "आतंकवाद के हाथों में गिर चुका है" और इस संकट के बावजूद उनकी जनता के साथ उनकी "अटूट संबंध" बने हुए हैं। उन्होंने अपने बयान का उद्देश्य "गलत सूचनाओं और आख्यानों की बाढ़" को स्पष्ट करना बताया, जो उनके अनुसार "अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को सीरियाई लोगों की मुक्ति के रूप में पेश करने का प्रयास" है।
दमिश्क छोड़ने के हालात पर सफाई
उन्होंने बताया कि वह 8 दिसंबर की शुरुआती घंटों तक राजधानी दमिश्क में अपनी "जिम्मेदारियां निभा रहे थे।" असद के अनुसार, उनका देश छोड़ना न तो "पूर्व निर्धारित था और न ही यह लड़ाई के अंतिम घंटों में हुआ।" असद ने कहा, “जब आतंकवादी बलों ने दमिश्क में प्रवेश किया, तो मैं अपने रूसी सहयोगियों के साथ समन्वय में लड़ाई के संचालन के लिए लटाकिया चला गया। 8 दिसंबर की सुबह जब मैं ह्मेइमिम एयरबेस पहुंचा, तो यह स्पष्ट हो गया कि हमारी सेनाएं पूरी तरह से युद्धक्षेत्र से पीछे हट चुकी थीं और आखिरी सैन्य ठिकाने भी गिर चुके थे।”
उन्होंने कहा कि "क्षेत्र में स्थिति खराब होती जा रही थी और रूसी सैन्य अड्डे पर ड्रोन हमलों के तेज होते प्रहार के कारण, मास्को ने तत्काल रूस में सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की योजना बनाई।"
देशभक्ति और त्याग का दावा
असद ने अपने अतीत को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी अपने देश की "मुक्ति" के लिए समझौता नहीं किया और "आतंकवाद" के खिलाफ अपने सैनिकों के साथ फ्रंटलाइन पर लड़े। उन्होंने कहा, "जो व्यक्ति फ़िलिस्तीन और लेबनान में प्रतिरोध नहीं छोड़ता, और जिन्होंने अपने साथ खड़े सहयोगियों के साथ विश्वासघात नहीं किया, वह अपने लोगों को कैसे छोड़ सकता है?"
राष्ट्र के प्रति अटूट संबंध का वादा
असद ने कहा कि उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत लाभ के लिए पदों की मांग नहीं की। उनके अनुसार, उनका लक्ष्य हमेशा सीरियाई जनता की क्षमता पर विश्वास करना और राज्य और उसकी संस्थाओं की रक्षा करना था। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि जब देश "आतंकवाद के हाथों में गिर गया," तो उनकी स्थिति "उद्देश्यहीन" हो गई। उन्होंने कहा, "इससे मेरी सीरिया और उसके लोगों के प्रति गहरी भावना पर कोई फर्क नहीं पड़ता। यह एक ऐसा बंधन है जो किसी भी स्थिति या परिस्थिति से नहीं टूट सकता।"
भविष्य के लिए उम्मीद
अपने बयान के अंत में, असद ने इस विश्वास को व्यक्त किया कि एक दिन सीरिया फिर से "मुक्त और स्वतंत्र" होगा। उन्होंने अपने लोगों के साहस और बलिदान की सराहना करते हुए देश के पुनर्निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। बशर अल-असद का यह बयान उनके समर्थकों के लिए उम्मीद और उनके आलोचकों के लिए नई बहस का कारण बन सकता है। निर्वासन में रहते हुए असद का यह बयान सीरिया और उसके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो सकता है।
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