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Flaxseeds Side Effects: अलसी के भी हो सकते हैं कई साइड इफेक्ट्स, सावधानी से करें इस्तेमाल

अलसी के बीजों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ बड़ी मात्रा में सेवन करने से समस्याएं भी पैदा कर सकता है। अत्यधिक फाइबर असुविधा
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Flaxseeds Side Effects: अलसी के बीज अक्सर अपने हेल्थ बेनिफिट्स के लिए जाने जाते हैं। यह ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और लिगनेन का समृद्ध स्रोत भी है। हालांकि, किसी भी सुपरफूड की तरह, अलसी के भी संभावित साइड इफेक्ट्स (Flaxseeds Side Effect) होते हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।

वैसे तो सीमित मात्रा में सेवन करने पर ये आम तौर पर ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित होते हैं, लेकिन अत्यधिक या अनुचित उपयोग से प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं। आइये जानते हैं अलसी के संभावित साइड इफ़ेक्ट और विचार करने योग्य सावधानियों के बारे में।

पाचन संबंधी समस्याएं

अलसी के बीजों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ बड़ी मात्रा में सेवन करने से समस्याएं भी पैदा कर सकता है। अत्यधिक फाइबर असुविधा, सूजन और गैस का कारण बन सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो उच्च फाइबर आहार (Flaxseeds Side Effect) के आदी नहीं हैं। अधिक सेवन से रेचक प्रभाव हो सकता है, जिससे दस्त या दस्त हो सकते हैं।

अलसी के बीज का सेवन करते समय अपर्याप्त पानी का सेवन उनमें सूजन का कारण बन सकता है और संभावित रूप से पाचन तंत्र में रुकावट पैदा कर सकता है। इसलिए अलसी की छोटी मात्रा से शुरू करें और धीरे-धीरे बढ़ाएं, भरपूर मात्रा में पानी का सेवन सुनिश्चित करें।

हार्मोनल प्रभाव

अलसी (Flaxseeds) के बीज में लिगनेन होता है, जो शरीर में एस्ट्रोजन की नकल करता है। हालांकि यह हार्मोनल संतुलन के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इससे जोखिम भी हो सकता है। स्तन कैंसर, गर्भाशय फाइब्रॉएड, या एंडोमेट्रियोसिस जैसी स्थितियों वाले लोगों को अलसी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि एस्ट्रोजन जैसे प्रभाव इन स्थितियों को बढ़ा सकते हैं। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अलसी का उपयोग सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि हार्मोनल प्रभाव मातृ और भ्रूण के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकते हैं।

एलर्जी प्रतिक्रियाएं

अलसी के बीज कुछ व्यक्तियों में एलर्जी (Flaxseeds Allergy ) का कारण बन सकते हैं। जिसके लक्षणों में चकत्ते या खुजली, मुँह या गले की सूजन, सांस लेने में दिक्कत शामिल है। यदि आपको कोई एलर्जी है या आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं तो अलसी के बीज से बचें।

टॉक्सिक आइटम्स का खतरा

कच्चे या अपरिपक्व अलसी में थोड़ी मात्रा में सायनोजेनिक ग्लाइकोसाइड होते हैं, जो शरीर में साइनाइड छोड़ सकते हैं, खासकर जब बड़ी मात्रा में सेवन किया जाता है। इससे पोइज़निंग हो सकती है, खासकर कम प्रोटीन आहार वाले लोगों में, क्योंकि प्रोटीन इन यौगिकों को बेअसर करने में मदद करता है। इसलिए भुनी या पिसी हुई अलसी का सेवन हमेशा कम मात्रा में करें।

दवाओं के साथ कर सकते हैं क्रिया

अलसी के बीज कुछ दवाओं के अवशोषण या प्रभावकारिता में रिएक्शन कर सकते हैं।

रक्त को पतला करने वाली दवा: अलसी के बीज में हल्के थक्कारोधी गुण होते हैं और यह रक्त को पतला करने वाली दवाओं के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं, जिससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है।
थायराइड की दवाएं: अत्यधिक अलसी के बीज थायराइड के कार्य या दवा के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
सावधानी: अलसी के बीज और दवा के बीच कम से कम 1-2 घंटे का अंतर रखें।

अलसी के बीजों का सुरक्षित रूप से सेवन कैसे करें

संयम: जब तक किसी डॉक्टर द्वारा अन्यथा सलाह न दी जाए, सेवन को प्रति दिन 1-2 बड़े चम्मच तक सीमित करें।
पिसे हुए अलसी के बीज: इन्हें पचाना आसान होता है और आंतों में रुकावट का खतरा कम होता है।
उचित हाइड्रेशन: पाचन समस्याओं से बचने के लिए अलसी का सेवन करते समय पर्याप्त पानी पियें।
खाना पकाना: गर्मी कच्चे अलसी के बीजों में साइनाइड के खतरे को कम कर देती है।

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