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Multiple Sclerosis: महिलाएं होती हैं मल्टीपल स्केलेरोसिस की सबसे ज्यादा शिकार, जानें इसके लक्षण और इस बीमारी को रोकने के उपाय

Multiple Sclerosis: मल्टीपल स्केलेरोसिस एक क्रोनिक ऑटोइम्यून डिजीज है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम, विशेष रूप से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है। यह तब होता है जब इम्यून सिस्टम गलती से नर्व फाइबर को कवर करने वाले...
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Image Credit: Social Media

Multiple Sclerosis: मल्टीपल स्केलेरोसिस एक क्रोनिक ऑटोइम्यून डिजीज है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम, विशेष रूप से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है। यह तब होता है जब इम्यून सिस्टम गलती से नर्व फाइबर को कवर करने वाले सुरक्षात्मक आवरण पर हमला करती है। इससे सूजन होती है और बाद में क्षति होती है। यह मस्तिष्क और शरीर के बाकी हिस्सों के बीच संचार को बाधित करता है, जिससे थकान, मांसपेशियों में कमजोरी और कोआर्डिनेशन संबंधी समस्याएं होती हैं।

मल्टीपल स्केलेरोसिस की गंभीरता और प्रगति अलग-अलग होती है। इसका कोई इलाज नहीं है। उपचार के माध्यम से लक्षणों को मैनेज करना और रोग की प्रगति को धीमा करना संभव है।

किस आयु वर्ग को होता है Multiple Sclerosis का ज्यादा खतरा

मल्टीपल स्केलेरोसिस आमतौर पर 20 से 40 वर्ष की आयु के बीच के व्यक्तियों को प्रभावित करता है। इस आयु वर्ग में जोखिम अधिक होता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसका खतरा अधिक होता है। जबकि यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, इसकी शुरुआत आम तौर पर वयस्कता के दौरान होती है। यही कारण है कि जीवन की गुणवत्ता में सुधार और रोग की प्रगति को धीमा करने के लिए प्रारंभिक पहचान और प्रबंधन महत्वपूर्ण हो जाता है। जोखिम कारकों को समझने और शुरुआती लक्षणों को पहचानने से समय पर उपचार अथवा रोकथाम में मदद मिल सकती है

मल्टीपल स्केलेरोसिस के लक्षण

मल्टीपल स्केलेरोसिस के लक्षण व्यापक रूप से भिन्न होते हैं लेकिन आम तौर पर इसमें थकान, सुन्नता या अंगों में झुनझुनी, मांसपेशियों में कमजोरी के साथ समन्वय और संतुलन में कठिनाई शामिल होती है। धुंधली या दोहरी दृष्टि जैसी समस्याएं भी अक्सर होती हैं। अन्य लक्षणों में मेमोरी लॉस, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, बोलने में समस्या और चक्कर आना जैसी परेशानी शामिल हो सकते हैं। यह बीमारी मूत्राशय और आंत्र की शिथिलता, यौन समस्याएं और अवसाद का कारण बन सकता है। लक्षणों में अक्सर उतार-चढ़ाव होता रहता है। समय पर बीमारी की पहचान और इसके प्रबंधन के लिए इन लक्षणों की शीघ्र पहचान महत्वपूर्ण है।

मल्टीपल स्केलेरोसिस को कैसे रोकें

मल्टीपल स्केलेरोसिस को रोकना वर्तमान में संभव नहीं है, क्योंकि इस बीमारी के सटीक कारण अभी अज्ञात है। हालांकि, जोखिम कारकों को कम करने से मदद मिल सकती है। फलों, सब्जियों और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर संतुलित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि और धूम्रपान से परहेज सहित एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखना, इस बीमारी से आपको दूर रखेगा। विटामिन डी की कमी के कारण भी यह बीमारी होती है। इसलिए हल्की धूप या सप्लीमेंट्स के माध्यम से विटामिन डी का सेवन भी इसके जोखिम को कम कर सकता है। इस बीमारी से बचने के लिए स्ट्रेस को मैनेज करना बहुत जरुरी होता है। नियमित चिकित्सा जांच कराने से लक्षणों का शीघ्र पता लगाने और इस बीमारी को मैनेज में मदद मिल सकती है। मल्टीपल स्केलेरोसिस और इसके संभावित उपचार को बेहतर ढंग से समझने के लिए अभी कई देशों में रिसर्च जारी है।

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