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Parenting Tips: इकलौते बच्चे की परवरिश में अक्सर ये गलतियां करते है पेरेंट्स, उठाना पड़ सकता है नुकसान

Parenting Tips: बच्चा एक हो या दो, माता-पिता को दोनों तरह के ही परवरिश में कई (Parenting Tips) तरह की चुनौतियों को सामना करना पड़ता है। घर में दो बच्चे होते है तो वह एक-दूसरे के साथ खेलकर, साथ समय...
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Parenting Tips: बच्चा एक हो या दो, माता-पिता को दोनों तरह के ही परवरिश में कई (Parenting Tips) तरह की चुनौतियों को सामना करना पड़ता है। घर में दो बच्चे होते है तो वह एक-दूसरे के साथ खेलकर, साथ समय बिताकर और लड़ाई-झगड़ा करके खुद के साथ-साथ घर वालों का भी मनोरंजन करते रहते है। लेकिन अगर वहीं बात सिंगल चाइल्ड यानी इकलौते बच्चे की करें तो ऐसे बच्चों की प​रवरिश में माता-पिता को खास ध्यान देने की जरूरत होती है। क्योंकि इकलौते बच्चे के मन में कब अकेलेपन की भावना पैदा हो जाए यह पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है। इकलौते बच्चे की परवरिश में माता-पिता अक्सर कुछ ऐसी गलतियां कर देते है। जो आगे भविष्य में उनके लिए नुकसानदायक हो सकती है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बताने जा रहे है। तो आइए जानते है क्या है वो गलतियां :—

अपने इच्छा व सपने बच्चे पर थोपना

अक्सर माता पिता को कहते सुना होगा कि उनके अधूरे सपने उनके बच्चे पूरे करेंगे। ये बाते गलत नहीं है ना ही अपने बच्चे से ऐसी उम्मीदें लगाना गलत है। लेकिन बच्चे के पसंद, नापसंद, हॉबी और सपनों को जाने बिना ही अपनी बातें, इच्छाएं और सपने बच्चे पर थोपना गलत है। क्योंकि कई माता पिता अपने अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें बचपन से ही तैयार करने लगते है और उन पर दबाव बनाने लगते है। लेकिन यहा माता पिता को सबसे पहले अपने बच्चे के ख्वाब, हॉबी, पसंद और नापसंद को जानने की जरूरत है। आपके द्वारा ​डाला गया दबाव बच्चे के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है।

जरूरत से ज्यादा प्यार लुटाना

अक्सर माता-पिता को कहते हुए सुना होगा कि उनके लाड़ प्यार ने बच्चे को बिगाड़ दिया है। सभी माता-पिता अपने बच्चे से प्यार करते है और अपना प्यार जताने के लिए वे सारे काम करते है जिनसे उन्हें खुशी मिलती है। लेकिन जरूरत से ज्यादा प्यार बच्चो को बिगाड़ देती है। इससे वह जरूरत से ज्यादा जिद्दी, गुस्सैल, बदतमीज बन जाते है। जो बच्चे के भविष्य के लिए सही नहीं है।

माता-पिता का ओवरप्रोटेक्टिव नेचर

अपने बच्चे के प्रति प्रोटेक्टिव नेचर होना सामान्य बात है। लेकिन यहां पर प्रोटेक्टिव और ओवरप्रोटेक्टिव के बीच अंतर समझना जरूरी है। जब बच्चा कोई काम करे तो उसे काम को लेकर बार बार टोकना, दखल देना या उसे सही-गलत के बारे में बताते रहना आपका यह व्यवहार बच्चे के लिए गलत हो सकता है। आपके इस व्यवहार से बच्चा सिर्फ आप पर ही निर्भर रहने लगेगा और कभी खुद से फैसले नहीं कर पाएगा।

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