राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

Study on Covid 19: कोविड-19 संक्रमित लोगों को अभी भी खतरा, हार्ट अटैक-स्ट्रोक का जोखिम दोगुना

आर्टेरियोस्क्लेरोसिस, थ्रोम्बोसिस और वैस्कुलर बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि वायरस चुपचाप कोविड से बचे लोगों में हृदय को नुकसान पहुंचाता है, जिसके लिए लोगों को सावधानी बरतने और हृदय स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
02:37 PM Nov 15, 2024 IST | Preeti Mishra
आर्टेरियोस्क्लेरोसिस, थ्रोम्बोसिस और वैस्कुलर बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि वायरस चुपचाप कोविड से बचे लोगों में हृदय को नुकसान पहुंचाता है, जिसके लिए लोगों को सावधानी बरतने और हृदय स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

Study on Covid 19: कोविड-19 ने इससे संक्रमित लोगों पर लंबे समय तक प्रभाव छोड़ा है और वर्षों बाद भी इस वायरस का खतरा बना हुआ है। क्लीवलैंड क्लिनिक और दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक हालिया अध्ययन (Study on Covid 19) में यह पाया गया है कि जो लोग कोविड-19 से बचे हैं, उनमें दिल का दौरा, स्ट्रोक या अचानक मृत्यु होने की संभावना दोगुनी है। अध्ययन से पता चलता है कि बढ़ा हुआ जोखिम संक्रमण के तीन साल तक बना रहता है।

क्या कहता है अध्ययन?

आर्टेरियोस्क्लेरोसिस, थ्रोम्बोसिस और वैस्कुलर बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि वायरस चुपचाप कोविड से बचे लोगों में हृदय को नुकसान पहुंचाता है, जिसके लिए लोगों को सावधानी बरतने और हृदय स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अध्ययन (Study on Covid 19) में कहा गया है कि उन रोगियों के लिए जोखिम काफी अधिक था जो कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती थे। क्लिनिक में हृदय और मेटाबॉलिज़्म विज्ञान के अध्यक्ष, सह-वरिष्ठ अध्ययन लेखक डॉ. स्टेनली हेज़न ने कहा, "परिणाम वैश्विक स्तर पर हृदय रोग में वृद्धि का कारण बन सकते हैं।"

अध्ययन के लेखकों का कहना है कि कोविड-19 से जुड़ा दीर्घकालिक जोखिम एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य बोझ बना हुआ है, जिसकी आगे जांच करने की आवश्यकता है।

कैसे हुआ अध्ययन?

अध्ययन (Study on Covid 19) के लिए, शोधकर्ताओं ने 10,005 लोगों के यूके बायोबैंक डेटा का उपयोग किया, जिन्हें कोविड-19 था, और 217,730 लोग जो वायरस से संक्रमित नहीं थे। इसके लिए जो अवधि मानी गई वह फरवरी से दिसंबर 2020 तक थी।

स्टडी में यह पाया गया कि ओ-ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में अन्य ब्लड ग्रुप वाले जैसे ए, बी या एबी लोगों में कोविड-19 के बाद हृदय संबंधी समस्याएं होने की संभावना दोगुनी थी। पिछले शोध में सुझाव दिया गया था कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ए, बी या एबी है, उनमें भी कोविड-19 होने की आशंका अधिक होती है।

अध्ययन (Study on Covid 19) में कहा गया है कि कोविड के हानिकारक प्रभाव कभी-कभी शांत हो सकते हैं। यह वायरस फेफड़े, हृदय, तंत्रिका तंत्र, गुर्दे, लिवर और अन्य अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी लंबे समय तक रहने वाले कोविड लक्षणों का हिस्सा हैं।

यह भी पढ़ें: Stretches for migraine : सिरदर्द को कम करने में बेहद असरदार हैं ये 5 व्यायाम, झट से मिलेगा आराम

Tags :
After Effect of Covid 19Covid 19Covid 19 InfectionHeart AttackStrokeStudy on Covid 19कोविड 19 पर अध्ययनकोविड 19 संक्रमणकोविड-19दीर्घकालिक प्रभावस्ट्रोकहार्ट अटैकहृदय स्वास्थ्य
Next Article