Yoga For Neck Pain: योग में छिपा हैं गर्दन के दर्द का इलाज, आजमाएं ये छह योगासन, मिलेगा आराम
Yoga For Neck Pain: गर्दन में दर्द या नेक पेन एक आम समस्या है जिसका सामना बहुत से लोग करते हैं। यह खराब पोस्चर, लंबे समय तक डेस्क पर बैठे रहने या तनाव के कारण हो सकता है। कई बार तमाम दवाइयों के बाद भी इसका इलाज नहीं हो पाता है। ऐसे में योग (Yoga For Neck Pain) बहुत ही प्रभावशाली होता है। योग इस असुविधा को कम करने और गर्दन की गतिशीलता में सुधार करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है। यहां 6 योग आसन दिए गए हैं जो गर्दन के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
गर्दन के दर्द से राहत के लिए छह योगासन
गर्दन का दर्द (Yoga For Neck Pain) एक आम समस्या है जो खराब मुद्रा, तनाव या डेस्क पर लंबे समय तक बैठे रहने के कारण उत्पन्न हो सकता है। लचीलेपन, शक्ति और विश्राम को बढ़ावा देकर योग इस असुविधा को कम करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है। यहां छह योग आसन हैं जो गर्दन के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं:
कैट-काऊ पोज़
दो मुद्राओं के बीच यह हल्का प्रवाह रीढ़ को गर्म करता है, तनाव से राहत देता है और गर्दन और पीठ में गतिशीलता बढ़ाता है। अपने हाथों और घुटनों से शुरुआत करें, अपनी पीठ को झुकाएं और काउ पोज़ के लिए अपना सिर उठाएं, फिर अपनी रीढ़ को गोल करें और कैट पोज़ के लिए अपनी ठुड्डी को मोड़ें। इस मुद्रा को कई बार दोहराएं।
बालासन
बालासन या चाइल्ड पोज़ एक आरामदायक स्थिति है जो गर्दन, पीठ और कूल्हों को धीरे से फैलाती है। घुटनों के बल बैठने की स्थिति से, अपनी एड़ियों के बल बैठें, अपनी भुजाओं को आगे की ओर फैलायें, और अपने माथे को चटाई पर टिकाएं। यह मुद्रा गर्दन और कंधों में तनाव दूर करने में मदद करती है।
सुई में धागा पिरोने की मुद्रा
यह मुद्रा कंधों, ऊपरी पीठ और गर्दन को लक्षित करती है। अपने हाथों और घुटनों से शुरू करें, फिर अपने दाहिने हाथ को अपने बाएं हाथ के नीचे सरकाएं, अपने दाहिने कंधे और कान को चटाई पर लाएं। कुछ सांसों के लिए रुकें, फिर करवट बदल लें। यह मोड़ कठोरता को कम करने और गतिशीलता में सुधार करने में मदद कर सकता है।
सीटेड नेक रिलीज़
अपनी पीठ सीधी करके आराम से बैठें। धीरे-धीरे अपने सिर को एक कंधे की ओर झुकाएं, विपरीत कंधे को आराम से रखें। अपनी गर्दन के किनारे हल्का खिंचाव महसूस करते हुए सांसें रोकें। दूसरी तरफ दोहराएं। यह सरल खिंचाव तनाव को दूर कर सकता है और लचीलेपन में सुधार कर सकता है।
मत्स्यासन
अपनी पीठ के ऊपरी हिस्से और सिर के नीचे एक बोल्स्टर या लपेटे हुए कंबल का उपयोग करके, पीठ के बल लेटें और अपनी छाती खोलें। यह मुद्रा गर्दन और छाती की मांसपेशियों को फैलाती है, विश्राम को बढ़ावा देती है और तनाव से संबंधित तनाव को कम करती है।
गरुड़ासन
बैठने या खड़े होने की स्थिति में, अपनी दाहिनी बांह को अपनी बाईं बांह के नीचे लपेटें, अपनी हथेलियों को स्पर्श करें। अपनी कोहनियों को ऊपर उठाएं और अपने कंधों को नीचे की ओर खींचें। कई सांसों तक रुकें, फिर करवट बदल लें। यह मुद्रा कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्से को फैलाती है, जिससे गर्दन के दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।
इन योग मुद्राओं का नियमित रूप से अभ्यास करने से गर्दन के दर्द को कम करने और गर्दन और कंधे की गतिशीलता में सुधार करने में मदद मिल सकती है। तनाव से बचने के लिए इन अभ्यासों को हमेशा सोच-समझकर और अपनी सुविधा के दायरे में ही करें।
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