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Yoga For Knee Pain: घुटनों के दर्द से परेशान हैं तो कीजिए ये 5 योगासन, मिलेगा आराम

योग (Yoga For Knee Pain) का अभ्यास घुटनों के दर्द से राहत पाने, आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने और जोड़ों पर अनावश्यक दबाव डाले बिना लचीलेपन में सुधार करने का एक नेचुरल , प्रभावी तरीका हो सकता है।
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Yoga For Knee Pain: घुटने का दर्द एक आम समस्या है जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है, जो अक्सर गठिया, चोट, अत्यधिक उपयोग या यहां तक ​​कि दैनिक टूट-फूट जैसे कारकों के कारण होता है। योग (Yoga For Knee Pain) का अभ्यास घुटनों के दर्द से राहत पाने, आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने और जोड़ों पर अनावश्यक दबाव डाले बिना लचीलेपन में सुधार करने का एक नेचुरल , प्रभावी तरीका हो सकता है। आइये जानते हैं ऐसे पांच योग आसन जो घुटनों के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं

ताड़ासन

ताड़ासन, या माउंटेन पोज़, सरल (Yoga For Knee Pain) लग सकता है, लेकिन यह शरीर को संरेखित करने और घुटनों के आसपास सहित पैर की मांसपेशियों को शामिल करने के लिए अत्यधिक प्रभावी है। यह आसन मुद्रा और संतुलन को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे घुटनों पर अनावश्यक तनाव कम हो सकता है। ताड़ासन जांघ, पिंडली और कूल्हे की मांसपेशियों को धीरे-धीरे मजबूत करता है, जिससे घुटनों को बेहतर सहारा मिलता है।

ताड़ासन कैसे करें:

पैरों को एक साथ जोड़कर खड़े रहें, पैरों को समान रूप से जमीन पर टिकाएं।
अपनी जांघों को संलग्न करें, अपने घुटनों को थोड़ा ऊपर की ओर खींचें, और घुटनों को नरम रखें (लॉक नहीं)।
अपनी रीढ़ को लंबा करें, अपने कंधों को आराम दें और अपनी बाहों को अपने शरीर के साथ रखें।
गहरी सांस लेते हुए इस स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक बने रहें।

लाभ: नियमित रूप से ताड़ासन का अभ्यास करने से घुटने की स्थिरता में सुधार हो सकता है, दर्द कम हो सकता है और शरीर के बेहतर संरेखण को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे घुटने के जोड़ों पर दबाव कम हो सकता है।

वृक्षासन

वृक्षासन, या ट्री पोज़, एक संतुलन-केंद्रित आसन है जो पैरों को मजबूत करता है और घुटने के जोड़ों (Yoga For Knee Pain) को स्थिर करता है। एक पैर पर संतुलन बनाने से मांसपेशियों के समन्वय को विकसित करने में मदद मिलती है, जो घुटने के हेल्थ को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। यह आसन कूल्हे के लचीलेपन को भी बढ़ाता है, जिससे चलते समय घुटनों पर तनाव कम हो सकता है।

वृक्षासन कैसे करें:

ताड़ासन में खड़े हो जाएं और अपना वजन एक पैर पर डालें।
दूसरे पैर के तलवे को भीतरी जांघ या पिंडली पर रखें (घुटने के जोड़ से बचें)।
अपनी हथेलियों को अपनी छाती के सामने जोड़ें या यदि आरामदायक हो तो उन्हें ऊपर उठाएं।
स्थिर श्वास के साथ संतुलन बनाए रखते हुए, प्रत्येक तरफ 20-30 सेकंड तक रुकें।

लाभ: वृक्षासन क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग और पिंडली की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जो घुटनों को आवश्यक समर्थन प्रदान करता है और समय के साथ दर्द से राहत देता है।

वीरासन

वीरासन, या हीरो पोज़, बैठने की एक मुद्रा है जो क्वाड्रिसेप्स को फैलाती है और घुटने के लचीलेपन में सुधार करती है। यह हल्के घुटने के दर्द या जकड़न का अनुभव करने वाले लोगों के लिए आदर्श है। हालांकि, घुटने की गंभीर स्थिति वाले लोगों को सावधानी के साथ इसका प्रैक्टिस करना चाहिए और दबाव को कम करने के लिए कूल्हों के नीचे योग ब्लॉक या कुशन जैसे सहयोग का उपयोग करने पर विचार करना चाहिए।

वीरासन कैसे करें:

घुटनों को एक साथ रखते हुए और पैरों को थोड़ा अलग रखते हुए फर्श पर बैठें।
अपने कूल्हों को अपनी एड़ियों के बीच चटाई पर आराम देते हुए धीरे-धीरे बैठें।
अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें, अपनी रीढ़ को लंबा करें और अपने कंधों को आराम दें।
गहरी सांस लेते हुए 1-2 मिनट तक इसी स्थिति में रहें।

लाभ: वीरासन घुटने के जोड़ के आसपास परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है, जांघ की मांसपेशियों को फैलाता है और कठोरता से राहत देता है, जिससे घुटने के लंबे समय तक हेल्थी बनाए रखता है।

सेतु बंधासन

सेतु बंधासन, या ब्रिज पोज़, निचले शरीर (Yoga For Knee Pain) को जोड़कर घुटने के आसपास की मांसपेशियों, विशेष रूप से क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग को मजबूत करता है। यह मुद्रा घुटनों पर हल्का खिंचाव प्रदान करती है, जो तनाव को दूर कर सकती है और जोड़ों के संरेखण में सुधार कर सकती है, जिससे दर्द को कम करने में मदद मिलती है।

सेतुबंधासन कैसे करें:

फर्श पर घुटनों को मोड़कर और पैरों को कूल्हे-चौड़ाई पर फैलाकर अपनी पीठ के बल लेटें।
अपनी भुजाओं को अपने शरीर के साथ रखें और हथेलियाँ नीचे की ओर हों।
अपने पैरों को चटाई में दबाते हुए, घुटनों को संरेखित रखते हुए, अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं।
20-30 सेकंड के लिए इस मुद्रा में बने रहें, फिर नीचे आ जाएं और 2-3 बार दोहराएं।

लाभ: ब्रिज पोज़ घुटनों और कूल्हों की ताकत को बढ़ाता है, दर्द को कम करता है और पैर की मांसपेशियों में लचीलेपन में सुधार करता है, जो घुटने के जोड़ों को सहारा देता है।

बालासन

बालासन, या बच्चे की मुद्रा, एक सौम्य आराम मुद्रा है जो घुटनों को सुखदायक खिंचाव प्रदान करती है और जोड़ों की कठोरता को कम करने में मदद करती है। यह मुद्रा घुटनों को आराम देती है और ब्लड फ्लो को प्रोत्साहित करती है, जो जोड़ों के उपचार के लिए आवश्यक है। यह शरीर के निचले हिस्से में समग्र तनाव को कम करने के लिए भी फायदेमंद है।

बालासन कैसे करें:

बड़े पैर की उंगलियों को छूते हुए और घुटनों को अलग रखते हुए फर्श पर घुटने टेककर शुरुआत करें।
अपनी एड़ी पर वापस बैठें और अपनी बाहों को आगे की ओर फैलाएं, अपने धड़ को अपने घुटनों के बीच नीचे लाएं।
अपने माथे को चटाई पर टिकाएं और गहरी सांस लेते हुए 1-2 मिनट तक इसी मुद्रा में रहें।

लाभ: चाइल्ड पोज़ धीरे-धीरे घुटने के जोड़ को फैलाता है, लचीलेपन को बढ़ावा देता है और दर्द को कम करता है। यह एक शांत मुद्रा भी है जो शरीर और दिमाग से तनाव दूर करने में मदद करती है।

घुटने के दर्द के लिए योगाभ्यास के टिप्स

जोड़ों पर अचानक दबाव से बचने के लिए योग शुरू करने से पहले हमेशा वार्मअप करें।
आराम और उचित संरेखण के लिए ब्लॉक या कुशन जैसे प्रॉप्स का उपयोग करने में संकोच न करें।
धीरे-धीरे आगे बढ़ें और किसी भी ऐसी मुद्रा से बचें जो तेज या गंभीर घुटने के दर्द का कारण बनती हो।
घुटने के आसपास की मांसपेशियों को धीरे-धीरे मजबूत करने के लिए सौम्य, लगातार प्रैक्टिस पर ध्यान केंद्रित करें।

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