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Arvind Kejriwal Resign: दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे अरविंद केजरीवाल, जमानत मिलने के दो दिन बाद लिया फैसला

Arvind Kejriwal Resign: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की कि वह शराब नीति मामले में अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उनका यह फैसला सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के दो दिन बाद अचानक सामने आया...
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Arvind Kejriwal Resign: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की कि वह शराब नीति मामले में अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उनका यह फैसला सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के दो दिन बाद अचानक सामने आया है। उनके फैसले को एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि उनका लक्ष्य आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी (आप) को एक नई रोशनी में पेश करना है, इसलिए वह पद छोड़ने का फैसला करके, खुद को शहीद के रूप में पेश कर सकते हैं और भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ लड़ सकते हैं।

इस्तीफे की रणनीति

अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। उनका यह निर्णय विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया है, जिसने उन्हें कार्यालय में आने और फाइलों पर हस्ताक्षर करने से रोक दिया था। इस स्थिति ने उनकी प्रशासनिक भूमिका को प्रभावित किया और पार्टी की प्रमुख नीतियों को लागू करने की उनकी क्षमता पर सवाल उठाए। इसके अलावा, राष्ट्रपति शासन की संभावना और केंद्र सरकार द्वारा नीतिगत पक्षाघात के कारण चुनावों में देरी की स्थिति में, उनका इस्तीफा एक सामरिक कदम हो सकता है।

AAP के भीतर संभावित चुनौतियाँ

आप के भीतर इस्तीफा देने के बाद आंतरिक गतिशीलता में बदलाव आ सकता है। एक उपयुक्त अंतरिम मुख्यमंत्री का चयन एक चुनौती हो सकता है जो पार्टी के सदस्यों का सम्मान और मतदाताओं का विश्वास प्राप्त करे। साथ ही, विपक्षी दल कांग्रेस और भाजपा इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं। इसके अलावा, केजरीवाल के फैसले को लेकर आलोचक यह मान सकते हैं कि यह एक सामरिक वापसी है, जो जनता के विश्वास को प्रभावित कर सकती है।

उत्तराधिकारी का चयन

केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, उनके उत्तराधिकारी का चयन एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा। यह संभावना है कि उनका उत्तराधिकारी खुद केजरीवाल द्वारा चयनित होगा और पार्टी विधायकों द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। उत्तराधिकारी का चयन विशेष रूप से अगले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा और यह पार्टी के भविष्य की दिशा को भी प्रभावित करेगा।

उपराज्यपाल और केंद्र के सामने विकल्प

अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि, यह बदलाव दिल्ली विधानसभा को भंग करने के बजाय एक शीर्ष स्तर पर सत्ता परिवर्तन का संकेत है। दिल्ली विधानसभा में 70 सदस्य हैं, जिनमें से 61 विधायक आप के हैं, इसलिए यह स्थिति मुख्य रूप से एक आंतरिक मुद्दा बनी हुई है। इस्तीफे के बाद, केजरीवाल से उम्मीद की जाएगी कि वे उपराज्यपाल को अपने उत्तराधिकारी का नाम पेश करेंगे। उपराज्यपाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री की सिफारिश को गृह मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजेंगे। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद नया मुख्यमंत्री पदभार ग्रहण करेगा।

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