Arvind Kejriwal vs ED: 'क्या आप अरविंद केजरीवाल को फिर से गिरफ्तार करेंगे?' उच्च न्यायालय ने ED से पूछे सवाल
Arvind Kejriwal vs ED: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय से पूछा कि अगर न्यायालय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत रद्द करने की उनकी याचिका को स्वीकार कर लेता है तो वह क्या करेगा। न्यायालय ने एजेंसी से पूछा कि क्या वह आप (AAP) प्रमुख को फिर से गिरफ्तार करेगी। न्यायालय ने यह प्रश्न इसलिए पूछा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पहले ही अंतरिम जमानत दे दी है।
न्यायमूर्ति ने पूछे सवाल
उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि यह अब केवल एक अकादमिक मुद्दा है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने प्रवर्तन निदेशालय के वकील से पूछा, "मेरे प्रश्न का उत्तर दें। अगर मैं आपकी याचिका को स्वीकार कर लूं तो क्या होगा? क्या आप उन्हें फिर से गिरफ्तार करेंगे?" इस पर वकील ने कहा कि गिरफ्तारी का कोई सवाल ही नहीं है और किसी ने भी उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित नहीं किया है। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि मामले में दायर आवेदन इतने सुंदर ढंग से तैयार किए गए थे कि वह भ्रमित हो गईं।
जुलाई में मिली थी अंतरिम जमानत
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "क्या यह जमानत, अवैध हिरासत या मुआवजे के लिए है? मैं भ्रमित हूं।" उच्चतम न्यायालय ने जुलाई में धन शोधन मामले में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी। हालांकि, आबकारी नीति को लेकर सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले के कारण वे अभी भी जेल में हैं। अब इस मामले की सुनवाई 5 सितंबर को होगी।
केजरीवाल पर आरोप
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर नीति के क्रियान्वयन में व्यापारियों के एक समूह को लाभ पहुंचाने के बदले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। वे 21 मार्च से जेल में हैं। 20 जून को उन्हें ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी। हालांकि, ईडी ने अगले ही दिन हाईकोर्ट का रुख किया और दलील दी कि ट्रायल कोर्ट का आदेश "विकृत" और "एकतरफा" था। बाद में कोर्ट ने जमानत पर रोक लगा दी। कुछ दिनों बाद, अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने ईडी की हिरासत से गिरफ्तार कर लिया।
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