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पानी के लिए अनोखा काम और दिल्ली से बुलावा...कौन है सरपंच हिंदू सिंह जो गणतंत्र दिवस पर होंगे सम्मानित

गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जो उनके निरंतर प्रयासों और समर्पण का प्रतीक है।
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Barmer Sarpanch Hindu Singh: भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट स्थित बाड़मेर जिले के छोटे से गांव तामलोर के युवा सरपंच हिंदू सिंह ने अपनी प्रेरणादायक कार्यशैली से न केवल अपने गांव को एक नई दिशा दी....बल्कि जल संरक्षण के क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान से समाज को एक सशक्त संदेश भी दिया। गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जो उनके निरंतर प्रयासों और समर्पण का प्रतीक है।

गांव तामलोर, जिसकी कुल आबादी 5000 है, अब जल संरक्षण की मिसाल बन चुका है, और इसका सारा श्रेय जाता है सरपंच हिंदू सिंह को। उन्होंने 1600 घरों में नल कनेक्शन पहुंचाकर गांववासियों की जीवनशैली को सरल और (Barmer Sarpanch Hindu Singh )जल की समस्या को समाप्त किया है। इसके अलावा, उन्होंने पारंपरिक जल स्रोतों जैसे तालाब और कुओं को पुनर्जीवित किया और बरसाती पानी को संजोने के लिए गांव में टांकों का निर्माण करवाया।

हिंदू सिंह के इस अद्वितीय योगदान को पिछले वर्ष राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े द्वारा भी सराहा गया था, जब उन्होंने बाड़मेर प्रवास के दौरान तामलोर का दौरा किया। उनके इन कार्यों ने न केवल जल संरक्षण की दिशा में एक नयी उम्मीद की किरण दिखाई, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि सही नेतृत्व और समाज के प्रति सच्ची प्रतिबद्धता से गांवों में भी विकास संभव है।

जनता जल मिशन के तहत हर घर में पेयजल की पहुंच

तामलोर गांव में जल संकट की समस्या को सुलझाने के लिए सरपंच हिंदू सिंह ने केंद्र सरकार की 'जनता जल मिशन योजना' का बेहतरीन उपयोग किया। आज, तामलोर का हर घर नल से जुड़ा हुआ है, जिससे गांववासियों को अब पानी के लिए दूर-दूर तक नहीं भटकना पड़ता। यह एक ऐसी पहल है, जो न केवल जल आपूर्ति को सुनिश्चित करती है, बल्कि ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में भी अहम बदलाव लाती है। हिंदू सिंह के नेतृत्व में यह गांव जल संकट से मुक्त होकर विकास की नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ रहा है।

पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण...जल संचयन

हिंदू सिंह का दृष्टिकोण सिर्फ पानी उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने तामलोर के पुराने जल स्रोतों की अहमियत को भी पहचाना। 1965 में भारतीय आर्मी द्वारा बनाए गए तालाब की सफाई और रख-रखाव का जिम्मा उठाकर, उन्होंने गांव के पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया। इसके साथ ही, उन्होंने मनरेगा के तहत वर्षा जल संचय के लिए 100 से अधिक वाटर टैंक का निर्माण करवाया, जो अब गांव में पानी के संचित भंडार का काम करते हैं और गांववासियों को सालभर जल उपलब्ध कराते हैं।

आवास, शिक्षा...सड़कों के क्षेत्र में भी अद्वितीय कार्य

हिंदू सिंह ने सिर्फ जल संरक्षण पर ही ध्यान नहीं दिया, बल्कि तामलोर गांव में बुनियादी सुविधाओं को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। जरूरतमंदों को आवास, बच्चों को शिक्षा और ग्रामीण विकास के लिए उन्होंने कई योजनाओं का संचालन किया। उनकी मेहनत से तामलोर गांव अब पक्की सड़कों से सुसज्जित है, जिससे गांववासियों को एक सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव हो रहा है।

समाज सेवा का सशक्त नेतृत्व...ग्रामीण उत्थान का प्रतीक

तामलोर के सरपंच हिंदू सिंह न केवल अपने कार्यों से, बल्कि अपनी समाज सेवा की भावना से भी सबका दिल जीत रहे हैं। उनका नेतृत्व ग्राम पंचायत में विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ है। वे सिर्फ जल संरक्षण के योद्धा ही नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत भी हैं, जो साबित करते हैं कि समर्पण, मेहनत और सही दिशा में किए गए प्रयासों से कोई भी समुदाय अपनी समस्याओं का समाधान कर सकता है। उनके योगदान की वजह से तामलोर अब न केवल जल संकट से मुक्त है, बल्कि एक प्रगतिशील और आत्मनिर्भर गांव के रूप में पहचान बना चुका है।

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