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Coaching Ad Guidelines: अब नहीं चल सकेगी कोचिंग सेंटर्स की मनमानि, केंद्र सरकार ने भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए जारी की नई गाइडलाइन्स

Coaching Ad Guidelines: भारत सरकार ने कोचिंग सेंटर्स को भ्रामक विज्ञापनों के इस्तेमाल से रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह कदम तब उठाया गया है जब जांच में कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें कोचिंग सेंटरों ने...
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Coaching Ad Guidelines: भारत सरकार ने कोचिंग सेंटर्स को भ्रामक विज्ञापनों के इस्तेमाल से रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह कदम तब उठाया गया है जब जांच में कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें कोचिंग सेंटरों ने चयनित छात्रों की संख्या बढ़ा-चढ़ा कर बताई और एक ही सफल उम्मीदवार की फोटो को कई संस्थानों में इस्तेमाल किया गया।

इन कोचिंग सेंटर्स द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों के चयन को लेकर बढ़ा-चढ़ा कर किए गए दावों पर लगाम कसने के लिए, सरकार ने कुछ नए दिशा-निर्देश बताए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा। अब कोचिंग सेंटर्स को "100% चयन" जैसी असत्यापित वादों के माध्यम से छात्रों को लुभाने की अनुमति नहीं होगी।

कोचिंग सेंटर्स के भ्रामक दावे

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के विश्लेषण का हवाला देते हुए उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने साझा किया कि केवल 11 कोचिंग संस्थानों ने 2022 UPSC सिविल सेवा परीक्षा में अपने 3,636 छात्रों के चयन का दावा किया, जबकि UPSC ने केवल 993 उम्मीदवारों को ही अनुशंसित किया था। इसी तरह, 2023 सिविल सेवा परीक्षा में, जहां UPSC ने केवल 1,016 उम्मीदवारों को अनुशंसित किया, नौ कोचिंग संस्थानों ने अपने 3,636 छात्रों के चयन का दावा किया।

कोचिंग सेंटर्स की धांधली

जांच में यह भी पाया गया कि कई कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापनों में एक ही सफल उम्मीदवार की फोटो का उपयोग कर रहे थे। इसके अलावा, ये संस्थान उन छात्रों द्वारा लिए गए कोर्स और उनकी अवधि के बारे में जानकारी को छिपा रहे थे।
निधि खरे ने मीडिया को बताया “हमने देखा है कि कोचिंग संस्थान जानबूझकर संभावित छात्रों से जानकारी छिपा रहे हैं। इसलिए, हमने कोचिंग उद्योग में शामिल लोगों और उपभोक्ताओं को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए ये दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हम इन संस्थानों के विज्ञापन जारी करने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि वे ईमानदार और पारदर्शी हों”।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि अब तक, CCPA ने 45 नोटिस जारी किए हैं और 18 संस्थानों पर भ्रामक विज्ञापनों के लिए लगभग 54.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। “दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर पहली गलती के लिए 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और पुनरावृत्ति होने पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। CCPA ऐसे विज्ञापनों को वापस लेने का आदेश दे सकता है और 1-3 वर्षों तक उन्हें दोबारा प्रकाशित करने से रोक सकता है”।

कोचिंग सेंटर्स के लिए नई गाइडलाइन्स

दिशा-निर्देशों के अनुसार, 50 से अधिक छात्रों वाले किसी भी कोचिंग संस्थान को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। उन्हें चयनित छात्र की रैंक, नाम, कोर्स की अवधि और यह कोर्स पेड है या नहीं, जैसी महत्वपूर्ण जानकारी देनी होगी। कोचिंग सेंटर्स की सेवाओं, संसाधनों और बुनियादी ढांचे का ईमानदारी से प्रतिनिधित्व करना होगा। चयन के बाद नाबालिग छात्रों की फोटो और टेस्टिमोनियल के उपयोग के लिए उनकी सहमति लेनी होगी।

सचिव ने कहा कि सरकारी सेवा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को कोचिंग संस्थान को फोटो या टेस्टिमोनियल के उपयोग के लिए सहमति देने पर सेवा नियमों के उल्लंघन के प्रति सतर्क रहना चाहिए। इस पहलू पर उपभोक्ता मामले विभाग ने DoPT को भी पत्र लिखा है।

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