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Constitution Day Of India 2024: संविधान दिवस पर CJI संजीव खन्ना का खास मैसेज, जानें क्या है इसदिन का महत्व

Constitution Day Of India 2024: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने मंगलवार को संविधान को देश की समृद्ध विरासत और भविष्य की प्रतिबद्धताओं का प्रतीक बताया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह में बोलते...
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Constitution Day Of India 2024: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने मंगलवार को संविधान को देश की समृद्ध विरासत और भविष्य की प्रतिबद्धताओं का प्रतीक बताया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह में बोलते हुए, मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत ने एक परिवर्तनकारी यात्रा पूरी की है।

उन्होंने कहा कि विभाजन के बाद के संकट, व्यापक अशिक्षा, गरीबी, भूख और लोकतांत्रिक प्रणाली की कमी जैसी चुनौतियों का सामना करने वाले भारत ने आज एक परिपक्व और जीवंत लोकतंत्र और भू-राजनीतिक नेतृत्वकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई है। इस यात्रा में भारतीय संविधान ने एक मजबूत आधार प्रदान किया है, जो देश के इस परिवर्तन का मार्गदर्शक रहा।

केवल एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि यह एक जीवनशैली है- सीजेआई

CJI खन्ना ने कहा कि संविधान केवल एक दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है, जिसे आत्मसात किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनके 22 वर्षों के वकालत के अनुभव ने उन्हें न्यायपालिका और बार की समस्याओं को समझने में मदद की। उन्होंने कहा, "जज बार से आते हैं और बार में लौट जाते हैं। जितना बेहतर बार होगा, उतने बेहतर न्यायाधीश होंगे।"

संविधान दिवस का ऐतिहासिक महत्व क्या है?

संविधान दिवस, हर साल 26 नवंबर को भारत में मनाया जाता है। यह दिन 1949 में भारतीय संविधान को औपचारिक रूप से अपनाने की याद में मनाया जाता है। हालाँकि, संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ, लेकिन 26 नवंबर का महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन संविधान सभा ने संविधान के अंतिम मसौदे को स्वीकार किया था।

क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस?

संविधान दिवस का उद्देश्य लोकतंत्र को बनाए रखने, मौलिक अधिकारों की रक्षा करने और राष्ट्र के शासन में संविधान की भूमिका को याद करना है। यह दिन संविधान निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने का भी अवसर है। डॉ. अंबेडकर संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष और संविधान के प्रमुख निर्माता थे। 2015 में भारत सरकार ने संविधान दिवस को वार्षिक रूप से मनाने की घोषणा की थी, ताकि संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों को सम्मानित किया जा सके।

मुख्य न्यायाधीश का संदेश

CJI खन्ना ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान भारत के नागरिकों को लोकतांत्रिक अधिकार प्रदान करता है और राष्ट्र के विकास का पथप्रदर्शन करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि न्यायपालिका और बार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, और उनकी मजबूती ही एक निष्पक्ष और पारदर्शी न्याय प्रणाली की आधारशिला है। संविधान दिवस न केवल भारतीय लोकतंत्र की सफलता का उत्सव है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाने का भी दिन है।

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