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Delhi Earthquake: दिल्ली-NCR में 4.0 तीव्रता का भूकंप, फिर भी इतना शक्तिशाली क्यों हुआ महसूस?

Delhi Earthquake: दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कई हिस्सों में सोमवार तड़के तेज़ भूकंप के झटकों ने लोगों को नींद से जगा दिया।
11:13 AM Feb 17, 2025 IST | Ritu Shaw
Delhi Earthquake: दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कई हिस्सों में सोमवार तड़के तेज़ भूकंप के झटकों ने लोगों को नींद से जगा दिया।

Delhi Earthquake: दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कई हिस्सों में सोमवार तड़के तेज़ भूकंप के झटकों ने लोगों को नींद से जगा दिया। भूकंप सुबह 5:36 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, इसका केंद्र दिल्ली के धौलाकुआं के झील पार्क इलाके में स्थित था।

मध्यम श्रेणी के बावजूद भूकंप के झटके तेज़ क्यों थे?

हालांकि, 4.0 तीव्रता का भूकंप मध्यम श्रेणी में आता है, लेकिन इसका प्रभाव अपेक्षाकृत अधिक महसूस किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका कारण भूकंप का उथला (कम गहराई पर) होना और घनी आबादी वाले क्षेत्र में केंद्रित होना है। जब किसी शहर के भीतर ही भूकंप का केंद्र होता है, तो भूकंपीय तरंगें कम दूरी तय करती हैं, जिससे झटके अधिक तीव्र महसूस होते हैं।

भूकंप से क्यों हिली दिल्ली-एनसीआर?
भूकंप क्यों आया?

दिल्ली भूकंपीय ज़ोन-IV में स्थित है, जहां मध्यम से तीव्र भूकंप आने की संभावना बनी रहती है। यह क्षेत्र दिल्ली-हरिद्वार रिज और महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट जैसी सक्रिय भूगर्भीय दरारों के पास स्थित है। इन फॉल्ट लाइनों पर समय के साथ तनाव बढ़ता है और जब यह अचानक मुक्त होता है, तो भूकंप उत्पन्न होता है।

भूकंप की तीव्रता और प्रभाव

भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है, जो एक लघुगणकीय (logarithmic) पैमाना है। इसमें प्रत्येक अंक की वृद्धि भूकंपीय तरंगों की ताकत को दस गुना और ऊर्जा को 32 गुना बढ़ा देती है। उदाहरण के लिए, 4.0 तीव्रता का भूकंप 3.0 की तुलना में 10 गुना अधिक झटके पैदा करता है और 32 गुना अधिक ऊर्जा छोड़ता है। इसी तरह, 6.0 तीव्रता का भूकंप 3.0 की तुलना में 1,000 गुना अधिक झटके और 32,000 गुना अधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है। यही कारण है कि मामूली अंतर भी शहरी क्षेत्रों में भारी तबाही ला सकता है।

क्या बोले विशेषज्ञ?

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के निदेशक ओ.पी. मिश्रा ने बताया, "यह भूकंप 6.0 की तीव्रता का था, और इसका केंद्र झील पार्क, धौलाकुआं में था। इसकी गहराई मात्र 5 किमी थी, जिसे भूकंप विज्ञान में उथली गहराई कहा जाता है। यही कारण है कि लोगों ने झटकों को अधिक तीव्रता से महसूस किया। यह कोई नई घटना नहीं है, पहले भी इस क्षेत्र में भूकंप आ चुके हैं।"

उन्होंने आगे बताया कि यह भूकंप प्लेट टेक्टोनिक्स के कारण नहीं, बल्कि स्थान विशेष की भौगोलिक असमानता (in situ material heterogeneity) और स्थानीय कारणों से आया। उन्होंने यह भी कहा कि इसके बाद 1.0 या 1.2 की तीव्रता वाले छोटे झटके (आफ्टरशॉक्स) महसूस किए जा सकते हैं।

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

भले ही इस भूकंप में किसी प्रकार की बड़ी क्षति या हताहत की खबर नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने और भूकंप सुरक्षा उपायों को अपनाने की सलाह दी है। भूकंप के दौरान घबराने के बजाय सुरक्षित स्थान पर शरण लेना सबसे महत्वपूर्ण होता है।

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