Delhi Election 2025: केजरीवाल के बड़े वादों से बीजेपी की टेंशन, क्या है उनका अगला मास्टरस्ट्रोक?
Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव अब कुछ ही समय दूर हैं, और राजनीतिक दल चुनावी मैदान में अपनी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी (आप), जो 2013 से दिल्ली की सत्ता पर काबिज है, ने चुनाव से पहले कई बड़े ऐलान किए हैं। इस बार के चुनाव आपके लिए खास हैं, क्योंकि पार्टी को सत्ता में बने रहने और विपक्षी दलों को हराने के लिए अपने वादों को मजबूत और असरदार तरीके से प्रस्तुत करना होगा। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस सत्ता की ओर वापसी की रणनीति पर काम कर रही हैं,(Delhi Election 2025) और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे आप के वादों का काउंटर कैसे करती हैं। आइए जानते हैं कि आप के पांच प्रमुख वादे कौन से हैं और बीजेपी इनका क्या जवाब दे सकती है।
आप के ऐलान... दिल्ली के चुनावी परिदृश्य
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी कैंपेन को तेज कर दिया है। पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने अपने 5 बड़े वादों के साथ दिल्लीवासियों का ध्यान खींचा है। इनमें महिलाओं के लिए 2100 रुपये प्रति माह, 60 साल से ऊपर के नागरिकों के लिए मुफ्त इलाज, बुजुर्गों के लिए पेंशन स्कीम, 24 घंटे साफ पानी की आपूर्ति, और मंदिरों के पुजारियों व गुरुद्वारों के ग्रंथियों को सैलरी देने का ऐलान शामिल है। केजरीवाल का कहना है कि ये वादे दिल्ली की जनता की जरूरतों को ध्यान में रखकर किए गए हैं और उनके शासन में इनका पूरा पालन होगा।
बीजेपी का चुनावी रणनीति... पलटवार
लेकिन, बीजेपी के लिए ये वादे केवल चुनावी हथकंडे लग रहे हैं। पार्टी का आरोप है कि केजरीवाल सिर्फ चुनावी फायदे के लिए इन वादों को अब सामने ला रहे हैं, जबकि पिछले 10 सालों में उन्होंने इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया। बीजेपी नेताओं का कहना है कि केजरीवाल ने दिल्ली में महिलाओं और बुजुर्गों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए, जबकि वह खुद सत्ता में थे। बीजेपी इस मुद्दे पर केजरीवाल को घेरने की पूरी कोशिश कर रही है और उनके इन वादों को झूठे वादे और धोखा करार दे रही है। बीजेपी ने एक आरोप पत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि केजरीवाल के सारे वादे केवल छलावा हैं, जो दिल्ली के आम लोगों को लुभाने के लिए किए गए हैं।
पार्टी की घेराबंदी...केजरीवाल के मास्टरस्ट्रोक
आप के इन वादों को लेकर कई लोग इसे मास्टरस्ट्रोक मान रहे हैं, लेकिन बीजेपी लगातार इसे हताशा का संकेत मान रही है। पार्टी का कहना है कि पिछले 10 वर्षों से सत्ता में रहते हुए केजरीवाल ने कभी भी महिलाओं, बुजुर्गों, और पुजारियों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। अब चुनाव के समय इन वादों को सामने लाकर वह वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। बीजेपी ने केजरीवाल के प्रत्येक ऐलान पर हमला बोलते हुए इसे केवल चुनावी चाल बताया है।
पुजारियों ... ग्रंथियों के लिए केजरीवाल का ऐलान
जब आम आदमी पार्टी ने पुजारियों और ग्रंथियों के लिए सैलरी देने का ऐलान किया, तो बीजेपी ने इसे चुनावी धोखा बताया। बीजेपी के नेता परवेश वर्मा ने कहा कि 10 साल तक केजरीवाल ने मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों के बारे में कोई कदम नहीं उठाया, लेकिन अब चुनावी समय में उन्हें यह वर्ग याद आ गया है। वर्मा ने यह भी कहा कि केजरीवाल ने मस्जिदों के मौलवियों और उनके सहयोगियों को सैलरी देने की व्यवस्था पहले से ही की थी, लेकिन अब चुनाव के समय उन्होंने पुजारियों को याद किया।
बीजेपी का भविष्य की योजनाओं का ऐलान
हालांकि, बीजेपी ने अभी तक अपनी ओर से कोई बड़ा ऐलान नहीं किया है, लेकिन पार्टी को उम्मीद है कि वह जल्द ही महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा कर सकती है। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा था कि उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी से पांच गुना ज्यादा दिल्लीवासियों को लाभ देने के लिए तैयार है। इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी भी चुनावी मैदान में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार है।
चुनावी मैदान में निर्णायक मुकाबला
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुकाबला कड़ा होने वाला है। जहां एक ओर केजरीवाल के वादों ने पार्टी को जनता के बीच खासी पहचान दिलाई है, वहीं बीजेपी भी इस चुनौती को स्वीकारते हुए पूरी ताकत से मुकाबला करने को तैयार है। अब देखना यह है कि चुनावी रणनीति में कौन किस पर भारी पड़ता है।
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