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Delhi UPSC Aspirants Death: कोचिंग सेंटर पहुंची CBI, आरोपियों ने जमानत के लिए किया अदालत का रुख

Delhi UPSC Aspirants Death: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को दिल्ली यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत के मामले की जांच अपने हाथ में ले ली, जहां दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में एक आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट (Delhi UPSC...
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Delhi UPSC Aspirants Death

Delhi UPSC Aspirants Death: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को दिल्ली यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत के मामले की जांच अपने हाथ में ले ली, जहां दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में एक आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट (Delhi UPSC Aspirants Death) में तीन छात्र डूब गए थे। मामले की जांच के तहत सीबीआई अधिकारियों की एक टीम बुधवार शाम को राऊ (RAU's Coachng Centre) के आईएएस स्टडी सर्किल कोचिंग सेंटर पहुंची। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने मामले में एफआईआर दर्ज करके मामले को अपने हाथ में ले लिया है और जांच से जुड़े सभी दस्तावेज दिल्ली पुलिस ने सीबीआई को सौंप दिए हैं।

CBI ने शुरू की जांच

अधिकारी ने कहा, "शुरुआती औपचारिकताओं के बाद, सीबीआई की टीम जल्द ही मामले की विस्तृत जांच के लिए घटनास्थल का दौरा करेगी।" यह घटनाक्रम पिछले हफ्ते दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद हुआ है, जिसमें कहा गया था कि वह मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई जांच से असंतुष्ट है।

मामले में ताज़ा अपडेट

सीबीआई अधिकारियों की एक टीम बुधवार शाम को ओल्ड राजिंदर नगर पहुंची। अपनी जांच के तहत, सीबीआई की टीम राऊ के आईएएस स्टडी सर्किल गई, जहां तीन छात्र बेसमेंट में डूब गए थे। मामले में गिरफ्तार किए गए कोचिंग सेंटर के सह-मालिकों ने जमानत मांगने के बाद विशेष सीबीआई अदालत का दरवाजा खटखटाया। आरोपी हरविंदर, तेजिंदर, परविंदर और सरबजीत ने अधिवक्ता कौशल जीत कैत, दक्ष गुप्ता, जतिन गुप्ता और अन्य के माध्यम से जमानत याचिका दायर की है। आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर मामले की चल रही जांच के बीच स्थिति रिपोर्ट मांगी है।

5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानदंडों से संबंधित मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि ऐसे संस्थान "मौत के कमरे" बन गए हैं। इस दौरा शीर्ष अदालत कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने आगे सुझाव दिया कि ऐसे संस्थान तब तक ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से संचालित होंगे, जब तक कि वे दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 के तहत अग्नि और सुरक्षा मानदंडों का पूरी तरह से पालन नहीं करते हैं।

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