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PM Modi Cabinet: केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में बने तीन तरह के मंत्री, जानें कैबिनेट, स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री में अंतर

PM Modi Cabinet: नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली तीसरी एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण के बाद सोमवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 71 मंत्रियों को मंत्रालय आवंटित कर दिए है। इस बार नरेन्द्र मोदी सरकार में...
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PM Modi Cabinet: नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली तीसरी एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण के बाद सोमवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 71 मंत्रियों को मंत्रालय आवंटित कर दिए है। इस बार नरेन्द्र मोदी सरकार में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्यमंत्री बनाए गए हैं। सरकार मंत्रीमंडल में तीन तरह कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्य मंत्री की नियुक्ति कर सकती है। जिनकी अलग अलग जिम्मदारियां और अधिकार तय हैं।

देश में कैबिनेट मंत्री

केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री के बाद मंत्रियों में सबसे सबसे ताकतवर कैबिनेट मंत्री होते हैं। जो सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। कैबिनेट मंत्रियों को एक से अधिक भी मंत्रालय सौंपे जा सकते हैं। जिस मंत्रालय की जिम्मेदारी उनके पास ही होती है। इन मंत्रियों का मंत्रिमंडल की बैठकों में रहना अनिवार्य होता है। जिस बैठक में सरकार (PM Modi Cabinet) अहम फैसले लेती है। यह कैबिनेट मंत्री का पद अनुभवी सांसदों को सौपा जाता हैं।

स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री

राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का नंबर कैबिनेट मंत्री (PM Modi Cabinet) के बाद आता है। इस श्रेणी के मंत्री भी सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। ये उनको दिए गए विभाग के स्वतंत्र प्रभारी होते हैं। इस मंत्रालय की भी सारी जिम्मेदारी मंत्री की ही होती है। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का कैबिनेट की बैठकों में शामिल होना जरूरी नही होता है। लेकिन जरूरत पड़ने पर राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बैठकों में शामिल होकर अपनी बात रख सकता हैं।

तीसरी श्रेणी राज्यमंत्री

राज्यमंत्री तीसरी श्रेणी के मंत्री होते हैं। राज्यमंत्री वास्तव में कैबिनेट मंत्री के सहयोगी होते हैं। प्रधानमंत्री को नहीं बल्कि कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं। आम तौर पर मंत्रालय के आकार के हिसाब से एक कैबिनेट मंत्री के अधीन एक या दो राज्यमंत्री नियुक्त किए जाते हैं। गृह, वित्त, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे बड़े मंत्रालयों में कई विभाग शामिल होते हैं। इनमें से अलग-अलग विभागों का जिम्मा राज्यमंत्रियों को सौंपा जाता है।

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