• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

Biggest Mine Accident: देश में अब तक हुए 5 बड़े खदान हादसें, पढ़े राजस्थान फर्स्ट की ये रिपोर्ट

Biggest Mine Accident: भारत में हर साल एक दो खदान में हादसे होते रहते हैं। इन हादसों में सैकड़ों की संख्या में काम करने वाले लोग मारे जाते हैं। तांबा, कोयला और पत्थर निकालना बहुत जोखिम भरा काम होता है।...
featured-img

Biggest Mine Accident: भारत में हर साल एक दो खदान में हादसे होते रहते हैं। इन हादसों में सैकड़ों की संख्या में काम करने वाले लोग मारे जाते हैं। तांबा, कोयला और पत्थर निकालना बहुत जोखिम भरा काम होता है। खदान के अंदर काम करने के दौरान समस्याएं आती हैं। जिसकी वजह से बड़े हादसे होते हैं। इसके अलावा खराब खनन उपकरण भी हादसों को मुख्य कारण बनते हैं। आज इस रिपोर्ट में बात करेंगे 5 बड़े खदान हदसों की...

धनबाद का निरसा हादसा

धनबाद में 1 फरवरी 2022 को निरसा में खदान (Biggest Mine Accident) हादसा हुआ था। निरसा थाना क्षेत्र गोपीनाथपुर ओसीपी में 1 फरवरी को सुबह के समय अवैध खनन के दौरान खान धंस गई थी। जिसमें कई ग्रामीण दब गए थे। जिसके बाद ईसीएल की और से चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में 12 शव निकाले गए थे।

झारखंड ढोरी खदान आपदा

झारखंड के धनबाद के पास बेरमो में स्थित ढोरी कोयला खदान (Biggest Mine Accident) में 28 मई 1965 को बड़ा विस्फोट हुआ था। इस हादसे में 268 खान में काम करने वाले लोग मारे गए थे। यह खदान निजी तौर पर बोकारो रामगढ़ लिमिटेड के स्वामित्व में थी। इस घटना को ढोरी-कोलियरी आपदा के रूप में जाना जाता है।

पश्चिम बंगाल चिनकुरी हादसा

देश के पश्चिम बंगाल रानीगंज में चिनकुरी कोलियरी में 19 फरवरी 1958 को हुए विस्फोट में 183 लोग मारे गए थे। इस कोलियरी का स्वामित्व तत्कालीन बंगाल कोल कंपनी लिमिटेड के पास था। इस भीषण विस्फोट के बाद आग को फैलने से रोकने के लिए अधिकारियों ने क्षेत्र को सील कर दिया था। जिसके बाद आग पर काबू पाया गया था।

कसान मेघालय खदान हादसा

मेघालय के कसान में 23 दिसंबर 2018 को खदान में एक्सीडेंट हुआ थ। इस हादसे में दो की मौत की पुष्टि की गयी थी। जबकि 13 लोगों को लापता घोषित किया गया था। जिनका आज तक कुछ पता नही चला है। वहीं पांच को सरकार ने फरार बताया था। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, कोल इंडिया, एयरफोर्स, नेवी ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन किया था।

रानीगंज महाबीर खदान हादसा

भारत के इतिहास में पहली बार जमीन के नीचे फंसे 65 खनिकों को सतह से ड्रिल कर बोरहोल के माध्यम से बचाया गया था। रानीगंज में 13 नवंबर 1989 को हादसा हुआ। जिसमें काम कर रहे 65 खनिक खदान के भीतर फंस गए थे। मुख्य खनन अभियंता जेएस गिल ने कैप्सूल के बोरहोल में प्रवेश किया था। फिर फंसे हुए खनिकों को व्यवस्थित तरीके से बाहर निकालने था।जिसके लिए सर्वोच्च नागरिक वीरता पुरस्कार मिला था।

यह भी पढ़े: एचसीएल कोलिहान खदान में लिफ्ट का तार टूटने से लेकर रेस्क्यू तक, जानें पूरा घटनाक्रम

यह भी पढ़े: हादसा या लापरवाही, रेस्क्यू में देरी पर स्थानीय विधायक धर्मपाल ने उठाए सवाल, सीएम...

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज़ tlbr_img4 वीडियो