Happy B'day Narendra Modi: आज है पीएम मोदी का 74वां बर्थडे, ऐसा रहा अबतक का सियासी सफर
Happy B'day Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आज यानी 17 सितंबर को 74 वर्ष के हो गए हैं। साल 1950 को वे गुजरात के वडनगर में जन्मे, भारतीय राजनीति के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। उनकी जीवन यात्रा एक साधारण चायवाले से लेकर देश के सबसे शक्तिशाली नेता तक की कहानी है। भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के वरिष्ठ नेता मोदी ने 2014 में लोकसभा चुनावों में पार्टी की जीत के बाद भारत के प्रधानमंत्री (Happy B'day Narendra Modi) के रूप में शपथ ली। इससे पहले, उन्होंने 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दी।
मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा (और भाजपा-नीत एनडीए गठबंधन) ने 2019 के आम चुनावों में फिर से बहुमत हासिल किया। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा अकेले बहुमत प्राप्त करने में विफल रही, लेकिन भाजपा-नीत एनडीए गठबंधन ने 543 सीटों में से 293 सीटें जीतीं, जिससे मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक करियर
नरेंद्र मोदी का पालन-पोषण उत्तरी गुजरात के एक छोटे से नगर में हुआ। उन्होंने अहमदाबाद के गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की। 1970 के दशक के आरंभ में उन्होंने हिंदुत्व समर्थक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हो गए और वहां छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की एक इकाई की स्थापना की। RSS में उनकी सक्रिय भागीदारी ने उनकी राजनीतिक यात्रा को सशक्त किया।
1987 में मोदी ने भाजपा में शामिल होकर गुजरात शाखा के महासचिव का पद संभाला। उन्होंने राज्य में पार्टी को मजबूत किया। 1990 में, मोदी ने राज्य में एक गठबंधन सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाई। और 1995 में राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा की सफलता में अहम योगदान दिया। हालांकि सितंबर 1996 में यह सरकार भंग हो गई।
राजनीतिक उन्नति और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
1995 में, मोदी को भाजपा के राष्ट्रीय संगठन का सचिव बनाया गया और तीन साल बाद उन्हें महासचिव नियुक्त किया गया। अक्टूबर 2001 में, उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में केशुभाई पटेल का स्थान लिया। पटेल पर 2001 के भुज भूकंप के बाद राज्य में हालात संभालने में नाकाम होने और सरकार के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। मोदी ने 2002 के फरवरी उपचुनाव जीत हासिल कर अपने पहले चुनावी मुकाबले में सफलता प्राप्त की।
मोदी के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों पर कई विवाद उठे। मोदी पर दंगों में शामिल होने या कम से कम दंगों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगा। इन घटनाओं के कारण अमेरिका ने उन्हें वीजा देने से मना कर दिया और ब्रिटेन ने भी उनकी भूमिका की निंदा की। हालांकि, मोदी को कानूनी तौर पर इन आरोपों से मुक्त कर दिया गया।
गुजरात में लगातार सफलताएं और राष्ट्रीय स्तर पर उभार
गुजरात में मोदी की लगातार राजनीतिक सफलता ने उन्हें भाजपा की आंतरिक राजनीति में एक महत्वपूर्ण नेता बना दिया। 2002, 2007 और 2012 के गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत और मोदी की मुख्यमंत्री के रूप में सफलता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार के रूप में स्थापित किया। जून 2013 में, मोदी को 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के अभियान का नेता चुना गया।
नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और उनके प्रशासनिक कौशल ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया और उनकी लगातार सफलता ने उन्हें भारत के प्रधानमंत्री के रूप में स्थापित किया।
आर्थिक सुधार और विदेश नीति के पुरोधा
पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आर्थिक सुधारों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की है, जिसमें जीएसटी (वस्तु और सेवा कर), मुद्रा योजना, और मेक इन इंडिया जैसे पहल शामिल हैं। विदेश नीति में भी, मोदी ने भारत की स्थिति को एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया है, कई महत्वपूर्ण देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया है, और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आवाज को उठाया है।
सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
नरेंद्र मोदी ने भारतीय संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने के लिए भी कई प्रयास किए हैं। योग दिवस की शुरुआत, ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान, और संस्कृति मंत्रालय की योजनाएं भारत की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करने के दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उनकी योजनाएं और पहलों ने भारत को एक नई दिशा दी है, और सामाजिक समरसता और एकता को प्रोत्साहित किया है।
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