हरवंश सिंह राठौर की दुनिया! मगरमच्छ, बाघ की खाल और हिरण की खोपड़ी, कौन है ये बीजेपी नेता?
Harvansh Singh Rathore: मध्य प्रदेश के सागर जिले के बंडा से भाजपा के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के बंगले पर आयकर विभाग के सर्वे के बाद शुक्रवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। आयकर विभाग की जांच में बंगला परिसर में मगरमच्छ पाले जाने का खुलासा हुआ, जिसके बाद वन विभाग की टीम को मौके पर बुलाया गया। (Harvansh Singh Rathore)टीम ने तत्परता दिखाते हुए दो मगरमच्छों को रेस्क्यू किया। यह घटना न केवल प्रशासनिक कार्रवाई का विषय बन गई, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी गर्मा गई है। राठौर के बंगले पर आयकर विभाग के सर्वे और इसके बाद वन विभाग की रेस्क्यू कार्रवाई को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है, जिससे प्रदेश की सियासत में हलचल तेज हो गई है।
14 किलो सोना, 7 बेनामी कारें, और 3 करोड़ नकद!
आयकर विभाग ने हरवंश सिंह राठौर और उनके रिश्तेदारों के ठिकानों पर बड़ी छापेमारी की, जहां से 14 किलो सोना, 3 करोड़ रुपये की नकदी, और सात बेनामी कारें बरामद हुईं। छापेमारी के दौरान विभाग ने इन सभी संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। इन घटनाओं ने राठौर की छवि पर सवाल उठाए हैं, जबकि उनकी राजनीतिक स्थिति भी खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। इस पूरी कार्रवाई ने सागर की राजनीति में नया तगड़ा ट्विस्ट दे दिया है।
पूर्व विधायक के घर में जानवरों का अनोखा संग्रह
राठौर के घर में तीन मगरमच्छों का पाला जाना और घर की दीवारों पर हिरण की खोपड़ी और बाघ की खाल की सजावट ने तो जैसे सागर के सियासी माहौल को और भी गरम कर दिया है। सोशल मीडिया पर इस घर का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, और लोग यह अनुमान लगाने लगे हैं कि क्या इस घर में इन जानवरों के साथ कुछ गैरकानूनी गतिविधियां भी जुड़ी हो सकती हैं। यह भी सवाल उठने लगा है कि क्या राठौर के पास ये सभी प्रॉपर्टी और सामग्रियां वैध हैं, या फिर इनका कोई काले कारोबार से संबंध है।
भाजपा नेता...उनका विवादित कारोबार
राठौर का परिवार लंबे समय से बीड़ी और शराब के कारोबार में संलिप्त रहा है, और इन कारोबारों के साथ उनका संबंध अब तक सागर में विवादों के केंद्र में रहा है। हालांकि, वर्तमान में उनका परिवार रियल एस्टेट, बीड़ी, शराब और अन्य व्यापारों से भी जुड़ा हुआ है। आयकर विभाग की इस कार्रवाई ने उनके व्यवसायों के सही-ग़लत पहलुओं को सामने लाकर राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।
छापेमारी के बाद चुप्पी... सियासत की गूढ़ सच्चाई
यह बड़ा सवाल बना हुआ है कि राठौर ने इस मामले पर अब तक चुप्पी क्यों साध रखी है। क्या यह चुप्पी किसी सियासी रणनीति का हिस्सा है, या फिर वह इस जांच के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं? आयकर विभाग की कार्रवाई के बावजूद उनका मौन प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा सियासी संकेत दे रहा है, और यह साफ़ कर रहा है कि मामला सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भी है।
राठौर ...उनके परिवार का भविष्य
अब यह देखना बाकी है कि आयकर विभाग की जांच और इस तरह के विवादों के बाद हरवंश सिंह राठौर की राजनीतिक छवि पर क्या असर पड़ता है। क्या वह पार्टी के अंदर अपनी स्थिति को बनाए रख पाएंगे, या फिर यह उनका राजनीतिक अंत साबित होगा? यह सवाल प्रदेश की राजनीति में और भाजपा के भीतर भी गूंज रहा है।
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