Hindenberg Report: कंगना रनौत ने राहुल गांधी को बताया "सबसे खतरनाक आदमी", जीवनभर विपक्ष में बैठने की दी चेतावनी
Hindenberg Report: हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के कथित खुलासे के बाद से राजनीति गरमा गई है। अभिनेत्री से नेता बनीं भाजपा सांसद कंगना रनौत ने सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तंज कसा। दरअसल, राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट और बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी बुच पर लगाए गए आरोपों का समर्थन किया, जिसके बाद कंगना रनौत ने उनपर हमला करते हुए उन्हें "सबसे खतरनाक आदमी" बताया। इसके अलावा उन्होंने राहुल गांधी पर "देश को अस्थिर करने के लिए हर संभव कोशिश करने" और इसकी सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का आरोप लगाया।
कंगना रनौत का पोस्ट
कंगना रनौत ने ट्विटर पर लिखा, "राहुल गांधी सबसे खतरनाक आदमी हैं, वे कटु, जहरीले और विनाशकारी हैं, उनका एजेंडा है कि अगर वे प्रधानमंत्री नहीं बन सकते तो वे इस देश को नष्ट कर सकते हैं। हमारे शेयर बाजार को लक्षित करने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट जिसका राहुल गांधी कल रात समर्थन कर रहे थे, वह एक बेकार की बात साबित हुई है।" कंगना यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने आगे लिखा, "राहुल गांधी जीवन भर विपक्ष में बैठने के लिए तैयार हो जाइए और जिस तरह से आप पीड़ित हैं, इस देश के लोगों के गौरव, विकास और राष्ट्रवाद को पीड़ित करने के लिए तैयार हो जाइए। आपको कभी अपना नेता नहीं बनाएंगे। आप एक कलंक हैं।"
राहुल गांधी ने किया था समर्थन
गौरतलब है कि, हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर राहुल गांधी ने रविवार को टिप्पणी की थी, उन्होंने अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए हालिया आरोपों के बाद भारत के शेयर बाजार की अखंडता के बारे में एक सख्त चेतावनी जारी की। उन्होंने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच से जुड़े संभावित हितों के टकराव के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने यह भी सवाल किया कि बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया और सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने एक वीडियो मैसेज में यह भी कहा कि, विपक्ष के नेता के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं आपके ध्यान में लाऊं कि भारतीय शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण जोखिम है क्योंकि शेयर बाजार को नियंत्रित करने वाले संस्थान समझौता कर चुके हैं। अदानी समूह के खिलाफ एक बहुत ही गंभीर आरोप अवैध शेयर स्वामित्व और ऑफशोर फंड का उपयोग करके मूल्य हेरफेर था। क्रिकेट का संदर्भ देते हुए, गांधी ने कहा, यह एक विस्फोटक आरोप है क्योंकि इसमें आरोप लगाया गया है कि अंपायर खुद समझौता कर चुके हैं ... सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है?
विवाद की जड़
हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल 24 जनवरी को अडानी ग्रुप को लेकर एक सनसनीखेज रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसके तुरंत बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। तब अडाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का भाव 3442 रुपए था। लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद 25 जनवरी को शेयर के दाम 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर पहुंच गए। शेयरों का गिरना यहीं नहीं रुका। अगले दो दिन में यानी 27 जनवरी को शेयर 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए। लेकिन सबसे बड़ी गिरावट देखी गई 22 फरवरी को। तब शेयर 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए। हालांकि, बाद में कंपनी के शेयर रिकवर हुए। लेकिन तब तक ग्रुप के वैल्युएशन में 86 अरब डॉलर तक की कमी आ गई और दुनिया में दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बने गौतम अडानी 36वें पायदान पर पहुंच गए। इसके बदले में सेबी ने हिंडनबर्ग पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए नोटिस भी जारी किया। लेकिन पलटवार में हिंडनबर्ग ने सेबी पर ही नियमों के गलत इस्तेमाल से एक बड़े उद्योगपति को बचाने का आरोप मढ़ दिया।
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