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Hindenburg Research: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर सेबी अध्यक्ष के पति का बड़ा पलटवार, जानें क्या कहा?

Hindenburg Research: हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के कथित खुलासे के बाद सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने अमेरिकी शॉर्ट सेलर पर चरित्र हनन का आरोप लगाया है। हिंडनबर्ग ने शनिवार को कथित तौर पर बड़ा...
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Hindenburg Research: हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के कथित खुलासे के बाद सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने अमेरिकी शॉर्ट सेलर पर चरित्र हनन का आरोप लगाया है। हिंडनबर्ग ने शनिवार को कथित तौर पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि मार्केट रेगुलेटर सेबी की चीफ माधबी पुरी बुच की उन्हीं विदेशी फंड्स में हिस्सेदारी है, जिनमें अडानी समूह की भी है। इस पर बुच दंपत्ति ने पलटवार करते हुए कहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारत में नियमों के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की बजाय सेबी अध्यक्ष के चरित्र हनन का प्रयास किया है।

क्या है पूरा मामला

अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) के शुक्रवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट ने भारत में तहलका मचा दिया है। इस मैसेज में हिंडनबर्ग ने लिखा है कि- भारतीय बाजार में कुछ बड़ा होने वाला है। इसके कुछ घंटों बाद हिंडनबर्ग ने बुच और अडानी को लेकर यह खुलासा कर दिया।

क्या कहा बुच ने

इस पर बुच ने आज एक बयान में कहा, "हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जिस फंड का उल्लेख किया गया है, उसमें निवेश 2015 में किया गया था, जब हम दोनों सिंगापुर में रहने वाले नागरिक थे। यह घटना माधबी के सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में शामिल होने से लगभग दो साल पहले था।”

उन्होंने कहा, "इस फंड में निवेश करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि मुख्य निवेश अधिकारी अनिल आहूजा, धवल के बचपन के दोस्त हैं, जो स्कूल और आईआईटी दिल्ली में पढ़ते थे और सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन और 3आई ग्रुप पीएलसी के पूर्व कर्मचारी होने के कारण कई दशकों तक उनके पास मजबूत निवेश करियर रहा है।”

दंपति ने कहा, "जैसा कि अनिल आहूजा ने पुष्टि की है, फंड ने कभी भी किसी अडानी समूह की कंपनी के किसी बॉन्ड, इक्विटी या डेरिवेटिव में निवेश नहीं किया..." उन्होंने कहा, "हिंडेनबर्ग को भारत में विभिन्न उल्लंघनों के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के बजाय, उन्होंने सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और सेबी अध्यक्ष के चरित्र हनन का प्रयास करने का विकल्प चुना है।"

अडानी समूह ने भी खारिज किया

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। इन्हें दुर्भावनापूर्ण, भ्रामक और जानबूझकर तोड़ा-मरोड़ा गया बताया है। अडानी समूह ने कहा है कि सेबी प्रमुख या उनके पति धवल बुच के साथ उनका कोई व्यावसायिक रिश्‍ता नहीं है।

विवाद की जड़

हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल 24 जनवरी को अडानी ग्रुप को लेकर एक सनसनीखेज रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसके तुरंत बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। तब अडाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का भाव 3442 रुपए था। लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद 25 जनवरी को शेयर के दाम 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर पहुंच गए। शेयरों का गिरना यहीं नहीं रुका। अगले दो दिन में यानी 27 जनवरी को शेयर 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए। लेकिन सबसे बड़ी गिरावट देखी गई 22 फरवरी को। तब शेयर 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए। हालांकि, बाद में कंपनी के शेयर रिकवर हुए। लेकिन तब तक ग्रुप के वैल्युएशन में 86 अरब डॉलर तक की कमी आ गई और दुनिया में दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बने गौतम अडानी 36वें पायदान पर पहुंच गए।

इसके बदले में सेबी ने हिंडनबर्ग पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए नोटिस भी जारी किया। लेकिन पलटवार में हिंडनबर्ग ने सेबी पर ही नियमों के गलत इस्तेमाल से एक बड़े उद्योगपति को बचाने का आरोप मढ़ दिया।

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