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Jharkhand Vidhansabha Election 2024: महागठबंधन ने किया बहुमत का आंकड़ा पार, BJP को बड़ा झटका

Jharkhand Vidhansabha Election 2024: विधानसभा चुनाव के नतीजों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने सत्ता में वापसी कर ली है। महागठबंधन ने 81 सीटों वाली विधानसभा में 56 सीटों पर जीत और बढ़त के साथ बहुमत...
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Jharkhand Vidhansabha Election 2024: विधानसभा चुनाव के नतीजों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने सत्ता में वापसी कर ली है। महागठबंधन ने 81 सीटों वाली विधानसभा में 56 सीटों पर जीत और बढ़त के साथ बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। इस बार चुनाव में झारखंड की जनता ने एक बार फिर हेमंत सोरेन पर भरोसा जताया है।

चुनाव का परिणाम: JMM-कांग्रेस महागठबंधन मजबूत, भाजपा पिछड़ी

चुनाव के परिणाम के अनुसार, जेएमएम ने 81 में से 56 सीटें हासिल की हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी 8 सीटों पर जीत दर्ज की है और 7 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, महागठबंधन के अन्य घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने 1 सीट जीती है और 3 पर बढ़त बनाए हुए है। सीपीआई (एमएल) ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की है।

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बड़ा झटका लगा है। भाजपा ने अब तक केवल 24 सीटें जीती हैं। यह नतीजे झारखंड की जनता द्वारा भाजपा के खिलाफ स्पष्ट जनादेश को दर्शाते हैं।

दो चरणों में हुए थे चुनाव

झारखंड विधानसभा चुनाव इस बार दो चरणों में आयोजित किए गए। पहला चरण 13 नवंबर को हुआ था, जिसमें 43 सीटों पर मतदान हुआ। दूसरा चरण 20 नवंबर को संपन्न हुआ, इसमें 38 सीटों पर मतदान हुआ। चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार रिकॉर्ड 67.74% मतदान हुआ, जो झारखंड के गठन (15 नवंबर 2000) के बाद से सबसे अधिक है।

महागठबंधन और एनडीए के बीच सियासी टक्कर

इस चुनाव में मुख्य मुकाबला जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी के महागठबंधन और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के बीच था।

  • एनडीए का गठबंधन: भाजपा ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि उसकी सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू) ने 10 सीटों, जनता दल (यू) ने 2 सीटों और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 1 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे।
  • महागठबंधन: जेएमएम ने 41 सीटों पर, कांग्रेस ने 30 पर, आरजेडी ने 6 पर, और सीपीआई (एमएल) ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा।
चुनाव प्रचार में बड़े नेताओं की भागीदारी

चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और महागठबंधन के बीच तीखी बयानबाजी और मुद्दों पर टकराव देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कई जनसभाएं कीं और सरकार की विकास योजनाओं का बखान किया।
महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आदिवासी अधिकारों, विस्थापन और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर भाजपा को घेरा।

चुनाव में प्रमुख मुद्दे और जनता का मूड

चुनाव में आदिवासी अधिकार, स्थानीय नीति, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे छाए रहे। महागठबंधन ने भाजपा पर आदिवासी समुदाय की उपेक्षा का आरोप लगाया। वहीं भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा किया।

महत्वपूर्ण विजेता और उनके क्षेत्र

कौन कहां से जीता?

  • हेमंत सोरेन (जेएमएम): बरहेट से जीते।
  • शत्रुघ्न महतो (भाजपा): बाघमारा से जीते।
  • कुमार जयमंगल (कांग्रेस): बेरमो से जीते।
  • चामरा लिंडा (जेएमएम): बिशुनपुर से जीते।
  • श्वेता सिंह (कांग्रेस): बोकारो से जीतीं।
महागठबंधन की जीत के पीछे की रणनीति

2019 के चुनाव में भी महागठबंधन को बड़ी जीत मिली थी। इस बार की जीत महागठबंधन की मजबूत रणनीति और गठबंधन सहयोगियों के बीच सीटों के बेहतर तालमेल को दर्शाती है। आदिवासी क्षेत्रों में जेएमएम का प्रभाव और कांग्रेस की शहरी सीटों पर पकड़ ने जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्या है आगे की राह?

झारखंड में महागठबंधन की सत्ता में वापसी जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने की चुनौती लेकर आई है। सरकार के सामने रोजगार, आदिवासी अधिकार, और विकास को प्राथमिकता देने का दबाव होगा। झारखंड के इस चुनाव ने एक बार फिर राज्य में क्षेत्रीय दलों की मजबूत पकड़ और भाजपा के लिए चुनौतियों को उजागर किया है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को किस दिशा में ले जाती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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