Kangana Ranaut Apology: "मैं अपने शब्द वापस लेती हूँ..", किसान बिल वाले बयान पर कंगना ने मांगी माफी
Kangana Ranaut Apology: भाजपा नेता कंगना रनौत ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने "तीन कृषि कानून वापस लाने" वाले बयान पर माफ़ी मांगी है। कंगना के बयान से बड़ा विवाद खड़ा हो गया। विपक्ष ने भी भाजपा को घेर लिया और मंडी के सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
कंगना रनौत ने वीडियो जारी कर मांगी माफी
अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए एक वीडियो जारी कर कंगना ने कहा कि उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी राय पार्टी लाइन के अनुरूप हो क्योंकि अब वह भाजपा की सदस्य हैं। वीडियो में वह कहते हुए सुनी जा सकती हैं कि, "पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे कृषि कानूनों पर सवाल पूछे और मैंने सुझाव दिया कि किसानों को प्रधानमंत्री से कृषि कानूनों को वापस लाने की अपील करनी चाहिए।
मेरे बयान के कारण बहुत से लोग नाराज़ हुए। जब किसान कानून प्रस्तावित किए गए...बहुत से लोगों ने इसका समर्थन किया। लेकिन अत्यंत संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ...हमारे पीएम ने कानूनों को वापस ले लिया" कंगना ने आगे कहा कि "(भाजपा के) हर सदस्य का कर्तव्य है कि वह उनके (पीएम मोदी के) शब्दों की गरिमा बनाए रखे"।
"मुझे यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मैं एक अभिनेता नहीं बल्कि भाजपा सदस्य हूँ और मेरी राय मेरी नहीं बल्कि पार्टी का रुख होनी चाहिए। अगर मैंने अपने शब्दों या राय से किसी को निराश किया है, तो मैं माफी मांगती हूँ। मैं अपने शब्द वापस लेती हूँ।"
वीडियो से पहले किया ट्वीट
मंडी की सांसद ने क्लिप जारी करने से कुछ घंटे पहले कहा था कि अब वापस लिए गए कृषि कानूनों पर उनके विचार "व्यक्तिगत" थे और पार्टी के विचार का प्रतिनिधित्व नहीं करते। कंगना ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए एक्स पर लिखा, "बिल्कुल, किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। धन्यवाद।"
क्या है पूरा विवाद?
पत्रकारों से बात करते हुए मंडी से सांसद कंगना रनौत ने कहा था, "मुझे लगता है कि किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जानी चाहिए। यह विवादास्पद हो सकता है, लेकिन मेरा मानना है कि नुकसान की भरपाई होनी चाहिए और किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए ताकि उन्हें नुकसान न उठाना पड़े।" उन्होंने कहा, "देश के विकास में किसान हमारी ताकत हैं। इसलिए मैं चाहती हूं कि वे खुद अपील करें कि तीन कानूनों, जिन पर केवल कुछ राज्यों ने आपत्ति जताई थी, पर सभी किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए पुनर्विचार किया जाना चाहिए। मैं हाथ जोड़कर अनुरोध करती हूं कि सभी किसानों के हित में इन कानूनों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।"
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