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Kedarnath Temple: केदारनाथ में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की मांग, बीजेपी विधायक आशा नौटियाल का बयान

Kedarnath Temple: केदारनाथ से बीजेपी विधायक आशा नौटियाल ने रविवार को गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
05:24 PM Mar 16, 2025 IST | Ritu Shaw

Kedarnath Temple: केदारनाथ से बीजेपी विधायक आशा नौटियाल ने रविवार को गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ गैर-हिंदू तत्व "ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं, जो हिंदू तीर्थयात्रियों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही हैं।"

‘धार्मिक स्थल की गरिमा बनाए रखना जरूरी’

नौटियाल ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि कुछ लोग केदारनाथ धाम की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "अगर ऐसा कोई व्यक्ति इस पवित्र धाम की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश करता है, तो उसे प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसे लोग "निश्चित रूप से गैर-हिंदू हैं।"

संतों और बीजेपी का समर्थन

आशा नौटियाल की इस मांग को उत्तर प्रदेश के अयोध्या से कई संतों का समर्थन मिला है। संतों का कहना है कि केदारनाथ धाम हिंदुओं का पवित्र तीर्थ स्थल है और इसकी धार्मिक पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है।

बीजेपी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने भी नौटियाल के बयान का समर्थन करते हुए कहा, "यह हिंदू धर्म की आस्था से जुड़ा मामला है और बीजेपी इसके समर्थन में है। चार धाम यात्रा सनातन धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।"

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि क्षेत्र में शराब और मांस की बिक्री हो रही है। चौहान ने कहा, "पवित्र तीर्थस्थल पर इस प्रकार का व्यापार किया जाना गलत है। यहां अन्य व्यवसायों की आड़ में शराब की दुकानें भी चल रही हैं।

कांग्रेस ने जताई आपत्ति

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने नौटियाल के बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "बीजेपी नेताओं की आदत बन गई है कि वे सनसनीखेज बयान देते हैं। उत्तराखंड 'देवभूमि' है, लेकिन हर चीज को धर्म से जोड़ना गलत है।"

रावत ने यह भी बताया कि इस प्रकार के मुद्दे पहले भी उठाए गए थे, खासकर बाढ़ के समय। "जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मैंने इस तरह के मामलों में उचित कार्रवाई की थी। अगर कोई अनुचित गतिविधि हो रही है, तो बिना किसी हंगामे के प्रशासन को उचित कार्रवाई करनी चाहिए। यह मुख्यमंत्री स्तर का मामला नहीं है, बल्कि जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और एसएसपी इस पर ध्यान दे सकते हैं।"

स्थानीय व्यवसायियों की भी चिंता

स्थानीय व्यापारियों ने भी तीर्थस्थल पर अनुचित व्यापारिक गतिविधियों को लेकर चिंता व्यक्त की है। व्यापारियों का कहना है कि धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए। अब यह देखना होगा कि उत्तराखंड सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और क्या वास्तव में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध लगाया जाता है या नहीं।

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