Kejriwal Liquor Scam: आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से किया इनकार
Kejriwal Liquor Scam: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले में जमानत की मांग करने वाली केजरीवाल की याचिका और केंद्रीय एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली एक अन्य याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया।
जमानत याचिका खारिज
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने अंतरिम जमानत के लिए दबाव डाला, लेकिन अदालत इससे सहमत नहीं हुई। न्यायमूर्ति कांत ने कहा, "हम कोई अंतरिम जमानत नहीं दे रहे हैं।" सिंघवी ने तर्क दिया कि केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामलों में भी अंतरिम जमानत मिल गई है, जबकि इसके कड़े प्रावधान हैं।
वरिष्ठ वकील ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता को 20 जून को पीएमएलए मामले में भी नियमित जमानत दी गई थी। सिंघवी ने तर्क दिया कि जब उन्हें पीएमएलए में भी जमानत मिल गई है, तो उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज सीबीआई मामले में जमानत देने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए, जिसमें पीएमएलए की तुलना में कम कड़े प्रावधान हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को करेगा।
क्या है केजरीवाल पर आरोप?
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर नीति के क्रियान्वयन में व्यापारियों के एक समूह को लाभ पहुंचाने के बदले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। वे 21 मार्च से जेल में हैं। 20 जून को उन्हें ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी। हालांकि, ईडी ने अगले ही दिन हाईकोर्ट का रुख किया और दलील दी कि ट्रायल कोर्ट का आदेश "विकृत" और "एकतरफा" था। बाद में कोर्ट ने जमानत पर रोक लगा दी। कुछ दिनों बाद, अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने ईडी की हिरासत से गिरफ्तार कर लिया।
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